वॉशिंगटन: कनाडा (Canada) ने खालिस्तान (Khalistan) समर्थकों को कुछ भी करने की छूट दी हुई है। यही कारण है कि गुरुवार को ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star) के 40 साल होने पर खालिस्तान समर्थकों ने भारत (India) की दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Late Prime Minister Indira Gandhi) की हत्या का महिमामंडन किया। खालिस्तान समर्थकों ने इंदिरा गांधी की हत्या से जुड़ी झांकी निकाली, जिसे लेकर अब ट्रूडो सरकार घिर गई है। कनाडा के कई सांसदों ने इसे लेकर एक्शन की मांग की है। कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री डोमिनिक लेब्लांक (Security Minister Dominic LeBlanc) ने कहा, ‘वैंकूवर में भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दिखाने वाली तस्वीरों की खबरें आई हैं। कनाडा में हिंसा को बढ़ावा देना कभी भी स्वीकार्य नहीं है।’
‘असली टार्गेट हिंदू’
चंद्र आर्य ने कनाडा में कानून प्रवर्तन एजेंसियों से तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया है। उन्होंने इस बात की आशंका जताई कि बंदूकों की तस्वीरों के साथ संकेत दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘इसे अगर चुनौती नहीं दी गई तो ऐसा वास्तव में कुछ हो सकता है। इंदिरा के माथे पर गोली का निशान यह सुनिश्चित करना है कि लक्षित लक्ष्य कनाडा में हिंदू हैं।’ वैंकूवर में कई पोस्टरों में ऑपरेशन ब्लू स्टार का विरोध देखा गया। ऑपरेशन ब्लू स्टार 1984 का एक सैन्य अभियान था, जिसका उद्देश्य अमृतसर में स्वर्ण मंदिर से खालिस्तानी चरमपंथी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले को हटाना था।
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ट्रूडो की सांसद ने भी किया विरोध
सिख फॉर जस्टिस की ओर से यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था। भारत सरकार पहले भी बढ़ती खालिस्तान समर्थक गतिविधियों पर कड़ा विरोध जता चुकी है। ट्रूडो की पार्टी की सांसद अनीता आनंद ने भी घटना की आलोचना की। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर हिंसक झांकी का इस्तेमाल परेशान करने वाला और अस्वीकार्य है। क्योंकि यह नफरत और हिंसा को बढ़ावा देता है।’
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