ओटावा: कनाडा (Canada) में स्टूटेंड कैप (Student Cap) के चलते अंतरराष्ट्रीय छात्रों (International Students) की संख्या में भारी गिरावट देखी जा रही है। इसके चलते कनाडा के कॉलेज और विश्वविद्यालय भारी बजट कटौती (Budget cuts) का सामना कर रहे हैं। लैंगारा कॉलेज (Langara College) के अध्यक्ष पाउला बर्न्स ने पिछले साल की तुलना में अंतरराष्ट्रीय आवेदनों में 79 प्रतिशत की कमी की जानकारी दी है। वैंकूवर सन की रिपोर्ट के मुताबिक, कॉलेज की फैकल्टी एसोसिएशन के सदस्यों ने इस स्थिति को संकट करार दिया है। इसे छात्रों के नामांकन में आई ‘अचानक और भारी गिरावट’ बताया गया है, जो सभी को प्रभावित करेगी। अंतरराष्ट्रीय छात्रों में तेजी से आ रही कमी वेतन, लाभ और नौकरियों पर प्रभाव डालेगी।
लैंगारा में अधिकांश भारतीय छात्र
लैंगारा कॉलेज ब्रिटिश कोलंबिया के सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय छात्र अनुपात वाले कॉलेज में है। लैंगारा कॉलेज में 37 प्रतिशत छात्र-छात्राएं स्टडी वीजा पर पढ़ाई करते हैं। संघीय सरकार के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष कॉलेज ने लगभग 7,500 अंतरराष्ट्रीय छात्रों को नामांकित किया। इसमें अधिकांश भारत से थे। यह आंकड़ा कनाडा के बड़े शिक्षण संस्थान साइमन फ्रेजर यूनिवर्सिटी से भी ज्यादा है।
कई कॉलेजों पर आया है संकट
छात्रों की कमी की सामना करने वाला लैंगारा अकेला कॉलेज नहीं है। साइमन फ्रेजर विश्वविद्यालय, विक्टोरिया यूनिवर्सिटी और वैंकूवर आइलैंड यूनिवर्सिटी भी अंतरराष्ट्रीय छात्रों की घटती संख्या के कारण बजट में कटौती की योजना बना रहे हैं। विदेशी छात्रों के इन संस्थानों का उत्साह यूं नहीं हैं। विदेशी छात्र आमतौर पर घरेलू छात्रों की तुलना में चार गुना अधिक ट्यूशन फीस देते हैं। इस बीच ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय ने बताया कि उसका नामांकन बजट अनुमानों के अनुसार चल रहा है।
विदेशी छात्रों पर बढ़ सकती है फीस
क्वांटलेन पॉलीटेक्निक यूनिवर्सिटी में कुल नामांकन का 38 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय छात्रों का है। वैंकूवर सन की रिपोर्ट के अनुसार, 150 देशों के ब्रिटिश कोलंबिया के पोस्ट-सेकंडरी संस्थानों में नामांकित 533,000 छात्रों में से 40 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय छात्र हैं, जो 150 देशों का प्रतिनिधित्व करते हैं। अंतरराष्ट्रीय छात्रों की गिरती संख्या के बाद अब कनाडा के कॉलेज इससे निपटने के लिए फीस में वृद्धि कर सकते हैं। ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एक अंतरराष्ट्रीय छात्र को प्रति वर्ष 45,000 डॉलर ट्यूशन फीस देनी पड़ सकती है, जो घरेलू छात्रों की तुलना में पांच गुना ज्यादा है।
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