नई दिल्ली (New Dehli)। कनाडा (Canada)ने आरोप लगया था कि खालिस्तान अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar)की हत्या में भारतीय एजेंटों (Indian agents)का हाथ है। हालांकि, इस मामले में उसने कोई सबूत नहीं दिए। साथ ही भारत पर जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया था। अब हालांकि उसके सुर बदल गए हैं। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोडी थॉमस ने कहा कि भारत अब जांच में सहयोग कर रहा है। आपको बता दें कि कनाडा के सुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ चर्चा के बाद बदली है।
खबर है कि दोनों देशों के एनएसए के बीच हुई चर्चा के दौरान इस विषय पर भी बात हुई। इसके बाद थॉमस ने दोनों देशों के बीच संबंधों के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि इंडो-पैसिफिक में काम करने की कनाडा की क्षमता भारत के साथ स्वस्थ संबंध रखने पर निर्भर करती है।
भारत अब तक आधिकारिक तौर पर कहता रहा है कि कनाडा ने अपने दावे के समर्थन में कभी कोई सबूत या जानकारी साझा नहीं की कि भारतीय एजेंट हत्या से जुड़े थे। जबकि भारत ने एक अन्य खालिस्तान अलगाववादी गुरपतवंत पन्नून की हत्या की साजिश में एक भारतीय अधिकारी की इसी तरह की संलिप्तता के बारे में अमेरिका द्वारा साझा की गई जानकारी के आधार पर जांच शुरू की है। लेकिन भारत ने अब तक कनाडाई मामले में किसी भी जांच की घोषणा नहीं की है।
रिटायरमेंट के दिन थॉमस ने कहा कि पन्नू की हत्या की साजिश रचने में एक भारतीय नागरिक पर अमेरिका में केस चल रहा है। उनका दावा है कि इस जानकारी से निज्जर मुद्दे पर कनाडा को मदद मिलेगी।
थॉमस ने कहा, “मैं उन्हें सहयोग नहीं करने वाला नहीं कहूंगा। हमने उनके साथ रिश्ते में प्रगति की है और वे समझते हैं कि हम क्या मानते हैं। आरसीएमपी जांच चल रही है और उम्मीद है कि वे जिम्मेदार और जवाबदेह लोगों पर मुकदमा चलाने में सक्षम होंगे।” सीटीवी को दिए अपने साक्षात्कार में थॉमस ने कहा कि भारत, विशेष रूप से एनएसए अजीत डोभाल इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कनाडा के साथ काम कर रहे हैं।
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