मॉन्ट्रियल । कर्नाटक (Karnataka) के पश्चिमी घाट में पाया जाने वाला सफेद गाल वाला डांसिंग फ्रॉग (dancing frog) , अंडमान (Andaman) की स्मूथहाउंड शार्क (smooth hound shark) और हिमालयी क्षेत्रों की पीली फ्रिटिलरी वनस्पति (yellow fritillary flora) भारत में उन 29 नई प्रजातियों में शामिल हैं, जिनके अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। ये खुलासा कनाडा (Canada) में आयोजित कॉप-15 जैव विविधता सम्मेलन (COP-15 Biodiversity Convention) के दौरान इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) की रेड लिस्ट के नवीनतम अपडेट में हुआ है। इसमें चेतावनी दी गई है कि अवैध रूप से मछली पकड़ने, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और बीमारियों से अंडमान स्मूथहाउंड शार्क जैसी समुद्री प्रजातियों पर खतरा पैदा हो गया है।
भारत में इन पर खतरा
आईयूसीएन की रेड लिस्ट विश्व में जैव विविधता की स्थिति का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। यह वैश्विक विलुप्ति के कगार पर खड़ी प्रजातियों की स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करती है। दुनिया के 15,000 से अधिक वैज्ञानिक आईयूसीएन आयोग के लिए काम करते हैं। भारत की जमीन, मीठे पानी और समुद्रों में पाई जाने वाली पौधों, प्राणियों और कवकों की 9,472 प्रजातियों में से 1355 को संस्था की रेड लिस्ट में शामिल किया गया है।
सम्मेलन में 196 देशों के प्रतिनिधि ले रहे भाग
मॉन्ट्रियल, कनाडा में 7 से 19 दिसंबर तक आयोजित सम्मेलन में भारत समेत 196 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इसका उद्देश्य 2020 के बाद की वैश्विक जैव विविधता की रूपरेखा को आकार देना और प्रकृति को हुए नुकसान की 2030 तक भरपाई के लिए एक समझौते पर पहुंचना है।
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