ओटावा (Ottawa)। कनाडा और भारत (Canada and India Row) के बीच विवाद जारी है। इस बीच कनाडा की कंजर्वेटिव पार्टी के प्रमुख (Conservative Party of Canada chief) का कहना है कि आठ साल से सत्ता में होने के बाद भी जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) भारत (India) के साथ रिश्ते नहीं बना पाए। दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंध हैं। अगर वे कनाडा के राष्ट्रपति बनेंगे तो भारत और कनाडा के बीच अच्छे रिश्ते बहाल करेंगे।
भारत के साथ औपचारिक रिश्तों की आवश्यकता
कंजर्वेटिव पार्टी अध्यक्ष और कनाडाई संसद के नेता प्रतिपक्ष पियरे पोइलिवरे मंगलवार को एक रेडियो शो में शामिल हुए। यहां उन्होंने कहा कि हमें भारत के साथ औपचारिक रिश्तों की आवश्यकता है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। एक-दूसरे के साथ हम असहमति जता सकते हैं लेकिन एक औपचारिक रिश्ता आवश्यक है। 41 कनाडाई राजनयिकों को कनाडा वापस भेजने वाले मामले का दोष उन्होंने ट्रूडो पर मढ़ दिया। उन्होंने कहा कि वह अक्षम और गैर-पेशेवर थे। कनाडा सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया की हर महाशक्ति के साथ विवाद में है।
हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ के सवाल पर दिया यह जवाब
कनाडा में हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ के सवाल पर पोइलिवरे ने कहा कि मेरा मानना है कि जो लोग हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाते हैं, जो लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं या जो लोग संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं, उन्हें आपराधिक मामलों का सामना करना चाहिए।
भारत ने कनाडाई राजनयिकों को वापस कनाडा भेजा
कनाडाई प्रधानमंत्री के बयान के बाद से भारत के साथ रिश्ते बिगड़ने के कारण भारत ने कनाडा के 41 राजनयिकों को वापस भेज दिया। भारत के इस फैसले से नाराज कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जॉली ने हाल ही में कहा था कि भारत ने औपचारिक रूप से घोषणा की थी कि 20 अक्तबूर तक 21 राजनयिकों और उनके परिजनों को छोड़कर सभी राजनयिकों की प्रतिरक्षा रद्द कर दी जाएगी। भारत के फैसले के कारण 41 राजनयिकों और उनके आश्रितों की अनैतिक रूप से प्रतिरक्षा हटाना गलत है। इससे हमारे राजनयिकों को खतरा होता। यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved