नई दिल्ली: कनाडा पुलिस (canada police) ने इंडिया के मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर अर्श डाला (India’s most wanted gangster Arsh Dala) को हिरासत में ले लिया है. सूत्रों के मुताबिक, कनाडा में 27-28 नवंबर को हुए एक शूटआउट के सिलसिले में उसे हिरासत में लिया गया है, जिसमें वो खुद भी मौजूद था. कनाडा की हाल्टन रीजनल पुलिस सर्विस (एचआरपीएस) बीते सोमवार सुबह मिल्टन में हुई गोलीबारी की जांच कर रही है. इसी सिलसिले में उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक गैंगस्टर अर्श डाला हिंदुस्तान से फरार होने के बाद अपनी पत्नी के साथ कनाडा में रह रहा है. पंजाब के फरीदकोट में रविवार सुबह उसके उसके दो गुर्गों को भी गिरफ्तार किया गया है. ये गुर्गे गुरप्रीत सिंह हत्याकांड में शामिल रहे हैं. इन दोनों शूटरों ने गैंगस्टर अर्श डाला के कहने पर ग्वालियर में जसवंत सिंह गिल की भी हत्या की थी. पंजाब पुलिस के डीजीपी ने इसकी जानकारी दी है.
डीजीपी ने बताया कि स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल, एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स और फरीदकोट पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में दोनों शूटरों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस पूछताछ में दोनों शूटरों ने बताया कि उन्होंने ही मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जसवंत सिंह गिल की हत्या की थी. अर्श डाला के कहने पर ही 7 नवंबर, 2024 को ग्वालियर में इस वारदात को अंजाम दिया था. इसके बाद दोनों पंजाब लौट आए थे.
खालिस्तानी आतंकवादियों की गैंग में शामिल हो चुका गैंगस्टर अर्श डाला राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए, दिल्ली पुलिस और पंजाब पुलिस की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में है. उसके 700 से ज्यादा शूटर्स हिंदुस्तान में सक्रिय हैं. उसके एक इशारे पर किसी की भी जान ले सकते हैं. उसका गैंग एक्सटॉर्शन, टेरर फंडिंग, फाइनेंसिंग, टारगेट किलिंग, ड्रग्स स्मगलिंग के साथ पंजाब में नफरत और दहशत फैलाने का काम करता है.
अर्श डाला साल 2020 में कनाडा भाग गया. उसके पास 1 सितंबर, 2017 को जालंधर में क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय द्वारा जारी किया गया पासपोर्ट है, जो 31 अगस्त, 2027 तक वैध है. वो सरे, ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा में रह रहा है. इसी जगह पर निज्जर भी रहा करता था. उसके सहयोग से ही वो भारत से कनाडा पहुंचा था. कुछ महीने पहले ही खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी.
इसी मामले में भारत और कनाडा के बीच रिश्ते तल्ख चल रहे हैं. लेकिन हत्या से पहले निज्जर ने डाला के साथ मिलकर हिंदुस्तान की धरती पर कई वारदातों को अंजाम दिया था. निज्जर के साथ मिलकर उसने एक आतंकी संगठन बनाया, जिसमें 700 से अधिक शूटर्स काम करते हैं. इनका गैंग पाकिस्तान से लेकर हिंदुस्तान तक अपनी आतंकी और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है.
यही वजह है कि भारतीय गृह मंत्रालय ने उसको गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी घोषित कर दिया है. एनआईए ने उसे भगोड़ा घोषित करते हुए उसके सिर पर पांच लाख रुपए का इनाम रखा है. इस वक्त भले ही निज्जर की मौत हो गई है, लेकिन अर्श डाला के कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके दोस्त गोल्डी बराड़ से बहुत अच्छे संबंध हैं. दोनों दोस्त हैं.
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