ओटावा । कनाडा (Canada) के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Prime Minister Justin Trudeau) अपने ही आंगन में घिर गए हैं. दरअसल उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (Motion of no confidence) लाया गया था. हालांकि इस अविश्वास प्रस्ताव से तो वह बच निकले, लेकिन आगे की राह उनके लिए आसान नहीं होने वाली है. ट्रूडो बुधवार को अपनी अल्पसंख्यक लिबरल सरकार के पहले बड़े परीक्षण में अविश्वास प्रस्ताव से बच गए. बता दें कि उनकी लोकप्रियता नौ साल के कार्यकाल के बाद कम हो गई है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सत्ता पर उनकी कमजोर पकड़ को आने वाले दिनों और हफ्तों में और अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि मुख्य विपक्षी दल कंजर्वेटिव मंगलवार को ही सरकार को गिराने की फिर से कोशिश करने की कसम खा रहे हैं. विपक्ष ने जबसे तीखे तेवर अपनाए हैं तब से ट्रूडे सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है.
क्यों ट्रूडो के पीछे पड़ा विपक्ष?
संसद के सदस्यों द्वारा एक-दूसरे पर अपमानजनक टिप्पणियां करने और डेस्क पर मुट्ठियां पटकने के बाद और गरमागरम बहस के बाद, उन्होंने लिबरल को सत्ता से हटाने और अचानक चुनाव कराने के कंजर्वेटिव प्रस्ताव के खिलाफ 211 से 120 मतों से मतदान किया. जनमत सर्वेक्षणों में काफी आगे चल रहे टोरी नेता पियरे पोलीव्रे को शीघ्र चुनाव की इच्छा जता रहे हैं. क्योंकि वामपंथी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) ने इस महीने की शुरुआत में लिबरल्स के साथ गठबंधन समझौते को तोड़ दिया था, जिससे ट्रूडो सरकार के गिरने की आशंका बढ़ गई थी.
विपक्ष का जारी रहेगा वार
पोलिएवर ने कोशिश जारी रखने की कसम खाई है, सरकार को गिराने का अगला अवसर अगले सप्ताह पेश किया जाएगा. अगर वह विफल हो जाता है, तो साल के अंत से पहले उनके पास कुछ और मौके होंगे. अलगाववादी ब्लॉक क्यूबेकॉइस ने भी अक्टूबर के अंत से परे संसद में अपने निरंतर समर्थन के लिए सत्तारूढ़ उदारवादियों से रियायतों की मांग की है.
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