नई दिल्ली । भारत (India) के साथ तनावपूर्ण रिश्तों के बीच कनाडा (Canada) में भी प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Prime Minister Justin Trudeau) घिरते नजर आ रहे हैं। खबर है कि ट्रूडो की पार्टी के नेताओं ने ही उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और पद से हटाए जाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, मौजूदा स्थिति में ट्रूडो की कप्तानी को खतरा नजर नहीं आ रहा है। खास बात है कि हाल ही में जारी एक रिसर्च पोल में लिबरल पार्टी (Liberal Party) कंजर्वेटिव से काफी पिछड़ती दिख रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ लिबरल विधायक चुनाव में खराब प्रदर्शन के लिए ट्रूडो को जिम्मेदार बता रहे हैं। 15 अक्टूबर को ही जारी नैनोज रिसर्च पोल के आंकड़े बता रहे हैं कि कंजर्वेटिव्स को 39 फीसदी पब्लिक सपोर्ट है। जबकि, लिबरल्स के मामले में यह संख्या 23 प्रतिशत है। वहीं, न्यू डेमोक्रेट्स को 21 फीसदी जनता का समर्थन मिलता दिख रहा है। अगर नतीजे यही रहे, तो कंजर्वेटिव आसानी से बहुमत हासिल कर सकती है।
अक्टूबर 2025 के अंत तक कनाडा में चुनाव होने हैं। इधर, ट्रूडो लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वह अगले चुनाव में भी लिबरल्स की अगुवाई करेंगे।
लामबंद हो रहे नेता
खबर है कि पार्टी के 153 विधायकों में से 24 ने ट्रूडो को हटाए जाने की मांग के साथ पत्र लिखा है। पार्टी के एक विधायक वेन लॉन्ग का कहना है कि अगर दल को नया नेता मिलता है, तो कंजर्वेटिव्स को हराया जा सकता है। उन्होंने बढ़ती कीमतों को आवास संकट के आरोप भी ट्रूडो पर लगाए। दरअसल, जून और सितंबर में दो बड़ी संसदीय सीटें गंवाने के बाद ट्रूडो के खिलाफ नेताओं का गुस्सा भड़कने लगा था।
क्यों नहीं हटाए जा सकते ट्रूडो
तमाम कोशिशों के बाद भी ट्रूडो को हटाया जाना आसान नहीं है। कनाडा में पार्टी के प्रमुखों का चुनाव के लिए एक खास सम्मेलन आयोजित होता है, जहां सदस्य नेता चुनते हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved