नई दिल्ली (New Delhi)। कनाडा (Canada) के आव्रजन मंत्री मार्क मिलर (Immigration Minister Mark Miller) ने दावा किया कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Khalistani terrorist Hardeep Singh Nijjar) 3 मार्च, 2015 से कनाडाई नागरिक था। जबकि, निज्जर 1997 में फर्जी पासपोर्ट (fake passport) के साथ कनाडा में दाखिल हुआ। बाद में उसने कनाडा सरकार (Government of Canada) से शरणार्थी का दर्जा (refugee status) मांगा, जिसे कनाडाई सरकार ने खारिज कर दिया। कनाडा पहुंचने के 11 दिन बाद निज्जर ने एक कनाडाई नागरिक से शादी कर ली और इस आधार पर आव्रजन की मंजूरी मांगी। इसे भी कनाडाई सरकार ने खारिज कर दिया।
इन तथ्यों के मद्देनजर कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं, जिनके जवाब कनाडा दे नहीं पा रहा है। मसलन, पहला सवाल तो यही है कि आखिर 17 साल तक निज्जर कनाडा में अवैध रूप से मौजूद था, तो उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इस बीच उसने तमाम विदेश यात्राएं की थीं, तो किस पासपोर्ट और हैसियत के साथ की थीं और आखिर में सबसे बड़ा सवाल आखिर उसे 2015 में तब ही नागरिकता क्यों दी गई, जब भारत ने उसे भगोड़ा आतंकी घोषित कर उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कर दिया था।
सवाल यहीं खत्म नहीं होते हैं, बल्कि यह फेरहिस्त लंबी जाती है। सवाल इस बात पर भी उठ रहा है कि जब निज्जर को भारत ने आतंकी घोषित किया, उसके खिलाफ तमाम सबूत दिए इसके बाद भी कनाडा ने उसका प्रत्यर्पण क्यों नहीं किया, जबकि दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि मौजूद है। इसका अर्थ निकलता है कि कनाडा हर तरह से भारत में आतंक व अलगाववाद को बढ़ावा दे रहा है।
भारत के खिलाफ आतंकियों को पाल रहा कनाडा
बीते एक साल में कनाडा में 15 से ज्यादा बड़ी भारत विरोधी घटनाएं हुई हैं। कनाडा में 9 ऐसे संगठन हैं, जो सक्रिय रूप से भारत को तोड़ने की साजिश रच रहे हैं, भारतीय दूतावास और अधिकारियों को धमकियां दे रहे हैं और जिनकी जड़ें खालिस्तानी आतंक, ड्रग्स व मानव तस्करी और अन्य अपराधों से जुड़ी हैं।
यह हरकत संयुक्त राष्ट्र चार्टर के खिलाफ
संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सातवें अध्याय में शामिल वैश्विक आतंक की रोकथाम के खिलाफ सुरक्षा परिषद के संकल्प 1373 के तहत किसी भी व्यक्ति को शरण देने से पहले तय करना होता है कि कहीं शरण मांगने वाला व्यक्ति आतंकी गतिविधि में लिप्त तो नहीं। कनाडा ने निज्जर को उसे आतंकी घोषित किए जाने के बाद भी नागरिकता देकर संयुक्त राष्ट्र चार्टर का घोर उल्लंघन किया है।
गैंगस्टरों की सुरक्षित पनाहगाह
दर्जनों ऐसे अपराधी हैं, जो गैंगस्टर की श्रेणी में आते हैं, उनके लिए भी कनाडा सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है। पंजाब पुलिस के मुताबिक लखबीर सिंह उर्फ लांडा, गोल्डी बराड़, चरणजीत सिंह उर्फ रिंकू रंधावा, अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला और रमनदीप सिंह उर्फ रमन जज, गुरपिंदर सिंह उर्फ बाबा डल्ला और सुखदुल सिंह उर्फ सुखा वे गैंगस्टर हैं, जो कनाडा में मौजूद रहकर भारत में अपराध कर रहे हैं।
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