ओटावा। खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर (Khalistani supporter Hardeep Singh Nijjar) की हत्या के पीछे भारतीय एजेंटों का नाम लेने वाली जस्टिस ट्रूडो सरकार (Justice Trudeau government) ने अपने सुर बदलने शुरू कर दिए हैं। कनाडा (Canada) के विदेश मामलों के उप मंत्री डेविड मॉरिसन (Deputy Minister for Foreign Affairs David Morrison) का कहना है कि वे भारत की अखंडता का सम्मान करते हैं और इसे मानते भी हैं। उन्होंने कनाडा में प्रो खालिस्तानियों के बोल-बाला और उपद्रव मचाने वाली घटनाओं को लेकर कहा कि ये ऐसी चीजे हैं जिन्हें हम नहीं देखना चाहते हैं, लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के तहत वे संरक्षित हैं।
कनाडा ने कहा है कि भारत की क्षेत्रीय अखंडता पर उसका रुख निरपेक्ष है। पिछले साल राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडो ने कनाडाई संसद में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में सीधे तौर पर भारतीय सरकारी एजेंटों की संलिप्तता का आरोप लगाया था। इसके बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में तल्खी सामने आई थी। दोनों देशों के बीच पैदा हुई दरार के बाद कनाडा का यह पहला बयान है। बता दें कि कनाडाई नागरिक निज्जर भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक था।
खालिस्तान पर क्या बोल गए
कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों पर उन्होंने कहा कि यह “भयानक है लेकिन सच है”। ये ऐसी चीजें हैं जिन्हें “हम में से बहुत से लोग नहीं देखना चाहते” लेकिन वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के तहत संरक्षित हैं। खालिस्तानियों पर अपने पुराने बयान के बावजूद कनाडा ने भारत से संबंध सुधरने के संकेत दिए हैं।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 के बाद से ही कनाडा भारत को लगातार संकेत दे रहा है कि वह संबंध सुधारने के पक्ष में है। ट्रूडो ने कहा था कि भारत के साथ अब “राष्ट्रीय सुरक्षा, कनाडाई लोगों की सुरक्षा और कानूनी शासन से जुड़े कुछ बहुत गंभीर मुद्दों” पर बातचीत फिर से शुरू हो सकती है।
निज्जर पर कनाडा के आरोपों के बाद भारत का सख्त रुख
पिछले साल निज्जर हत्याकांड पर भारत ने ट्रूडो के आरोपों को “बेतुका” और “प्रेरित” बताकर खारिज कर दिया था। साथ ही कनाडा में खालिस्तान समर्थकों को लेकर चिंता व्यक्त की थी। कनाडा ने इसे स्वीकार नहीं किया था। इसके बजाय, ट्रूडो ने कहा था कि कनाडा हमेशा “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर विश्वास करता है। इसी साल जून में, कनाडाई संसद में निज्जर की याद में एक मिनट का मौन भी रखा था।
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