ओटेवा। खालिस्तानी आतंकी (Khalistani terrorists) हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या को लेकर कनाडा (Canada) और भारत (India) आमने-सामने हैं। दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा। अब इस मामले में कनाडा के पत्रकार डेनियल बोर्डमैन (Daniel Boardman) ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व और विश्वसनीयता में बढ़ती कमी की ओर इशारा किया है।
बोर्डमैन का कहना है कि भारत सरकार द्वारा अपने उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को वापस बुलाने का फैसला दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने का स्पष्ट संकेत है।
यह है मामला
गौरतलब है, खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कई लंबे समय से कनाडा और भारत के बीच तल्खी बनी हुई हैं। कनाडा ने एक बार फिर हाल ही में निज्जर हत्या की जांच में भारत के राजदूत और अन्य राजनयिकों का नाम बतौर ‘पर्सन ऑफ इंट्रेस्ट’ लिया। भारत ने इन बेतुके आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। इसके साथ ही सोमवार को भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने का फैसला किया। इसके अलावा भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित करने का भी निर्णय लिया है।
ट्रूडो से हो रहे लोग निराश
कनाडा के पत्रकार ने कहा कि खालिस्तानी तंत्र के भीतर कुछ तत्व हैं, वे इस पर पूरी तरह से हावी हैं। खालिस्तानी तत्व पूरी तरह से हमले के मोड में हैं। वे इसे पूरी तरह से जीत के रूप में ले रहे हैं और भारत की निंदा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कनाडाई लोगों के बीच आम भावना पर भी टिप्पणी की। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि अधिकांश कनाडाई लोग ट्रूडो द्वारा स्थिति से निपटने के तरीके से निराश हो रहे हैं।
भारत का पक्ष लेंगे कनाडाई
उन्होंने कहा, ‘कनाडा के अधिकतर लोग इस सरकार से बहुत तंग आ चुके हैं। संस्थाओं पर भरोसा नहीं करते, मीडिया को विश्वसनीय नहीं मानते, यहां तक कि जस्टिन ट्रूडो को विश्वसनीय नहीं मानते। ऐसा देखते हुए बहुत से कनाडाई ट्रूडो को दरकिनार कर भारत का पक्ष ले सकते हैं।’
कनाडा को ठंडे बस्ते में डाला
उन्होंने सलाह दी कि भारत सरकार ने भारत-कनाडा संबंधों की वर्तमान स्थिति को तब तक के लिए सही करने से टाल दिया है, जब तक कि कनाडा में नेतृत्व परिवर्तन नहीं हो जाता। उन्होंने कहा, ‘भारत-कनाडा रिश्ते लंबे समय तक ऐसे ही रहने वाले हैं। मुझे लगता है कि भारतीयों ने कनाडा को ठंडे बस्ते में डाल दिया है जब तक कि हमें एक नई सरकार नहीं मिल जाती।’
डेनियल बोर्डमैन ने आगे कहा, ‘भारत सरकार ट्रूडो को एक उचित अभिनेता के रूप में नहीं देखती है। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि वे जस्टिन ट्रूडो को एक उचित अभिनेता के रूप में देखते हैं। मुझे नहीं लगता कि जब भारत की बात आती है तो वह उचित अभिनेता हैं, खासकर तब जब उनका समर्थन जगमीत सिंह द्वारा किया जाता है, जो खुले तौर पर शत्रुतापूर्ण हैं।’
सरकार में हुआ बदलाव तो…
उन्होंने भविष्यवाणी की कि यदि सरकार में जल्द बदलाव नहीं होता है तो राजनयिक गतिरोध कम से कम एक वर्ष और जारी रह सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर चुनाव होते हैं तो नई सरकार भारत के साथ संबंधों को लेकर अलग रुख अपना सकती है। कनाडाई पत्रकार ने कहा, ‘अगले साल हम एक तरह की मंदी की ओर देख रहे हैं, जहां संबंधों और व्यापार को किनारे कर दिया जाएगा और नजरअंदाज कर दिया जाएगा। जब नई सरकार आएगी और रूढ़ीवादी आतंकवाद विरोधी तथा भारत समर्थक रुख के साथ सत्ता में आएगी, तो मुझे लगता है कि हालात फिर से सुधर जाएंगे।’
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