• img-fluid

    जनाधार बढ़ा सकती है कांग्रेस पार्टी ?

  • February 21, 2022

    – रमेश सर्राफ धमोरा

    देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया जारी है। इन पांच राज्यों में से उत्तर प्रदेश को छोड़कर बाकी चार राज्यों में कांग्रेस पार्टी मुख्य चुनावी मुकाबले में है। फिलहाल पांच में से चार राज्यों में भाजपा व पंजाब में कांग्रेस पार्टी का शासन है। कांग्रेस पार्टी इन सभी पांच राज्यों में बेहतर प्रदर्शन करके अपने घटते जनाधार को रोक सकती है।

    2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जहां भारी बहुमत से पंजाब में अपनी सरकार बनाई थी। वहींए गोवा व मणिपुर में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद अपनी रणनीतिक चूक के चलते सरकार बनाने से रह गई थी। इस बार कांग्रेस पार्टी को अपने प्रभाव वाले प्रदेशों में पहले से ही ऐसी सुदृढ़ रणनीति बनानी होगी। जहां बहुमत के करीब होने पर अपनी सरकार का गठन कर सके। न कि पिछली बार की तरह बहुमत के करीब होने के बावजूद सत्ता से दूर रह जाए।

    2017 के विधानसभा चुनाव के नतीजों का विश्लेषण करें तो गोवा में कांग्रेस पार्टी ने 40 में से 36 सीटों पर चुनाव लड़कर 17 सीटें जीती थी। वहां कांग्रेस को दो लाख 59 हजार 758 वोट यानि 28.4 प्रतिशत वोट मिले थे। जबकि वहां भाजपा मात्र 13 सीटों पर ही जीत पाई थी। उसके उपरांत भी कांग्रेस के प्रभारी महासचिव दिग्विजय सिंह की ढिलाई के चलते सत्ता के नजदीक पहुंच कर भी कांग्रेस सरकार बनाने से चूक गई थी। इस बार गोवा में कांग्रेस ने गोवा फारवर्ड पार्टी से चुनावी गठबंधन कर चुनाव लड़ा है।

    हालांकि गोवा में कांग्रेस को कई दिग्गज नेताओं के पार्टी छोड़ने से झटके भी लगे हैं। चार बार मुख्यमंत्री व 50 साल तक विधायक रह चुके प्रताप सिंह राणे इस बार पर्ये विधानसभा सीट पर कांग्रेस टिकट मिलने के बावजूद भाजपा से अपनी पुत्रवधू डॉ. दिव्या रानी के उम्मीदवार बनने पर उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। इससे कांग्रेस को बैकफुट पर आना पड़ा। जबकि कांग्रेस इस बार गोवा में अपनी पार्टी की सरकार बनाने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नजर आ रही है।

    उत्तराखंड में भी कांग्रेस सरकार बनाने के प्रति काफी आशान्वित हैं। इससे वहां भी अभी से मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में खींचतान शुरू हो गई है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 70 में से मात्र 11 सीटें ही जीत सकी थी। उस वक्त कांग्रेस के मुख्यमंत्री हरीश रावत हरिद्वार ग्रामीण व किच्छा दोनों विधानसभा सीटों से चुनाव हार गए थे। 2017 में कांग्रेस को 16 लाख 65 हजार 64 यानी 33.5 प्रतिशत मत मिले थे। पिछले विधानसभा चुनाव से पूर्व उत्तराखंड कांग्रेस के कई बड़े नेता भाजपा में शामिल हो गए थे। जिससे कांग्रेसी को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। इस बार भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे किशोर उपाध्याय व महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सविता आर्य भाजपा में शामिल हो गई है। उसकी भरपाई के लिए कांग्रेस ने यशपाल आर्य व उनके पुत्र संजीव आर्य को भाजपा छोड़कर फिर से कांग्रेस में शामिल करवा लिया था।

    मणिपुर में 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 60 में से 28 सीटें जीती थी। वहीं भाजपा ने मात्र 21 सीटें जीती थी। मगर कांग्रेस के नेताओं की कमजोरी के चलते वहां भाजपा की सरकार बन गई थी। उस चुनाव में कांग्रेस को 35.10 प्रतिशत वोट मिले थे। मणिपुर में सरकार बनाने को लेकर कांग्रेसी इस बार पूरी सतर्क नजर आ रही है। कांग्रेस इस बार मणिपुर में सरकार बनाने का कोई भी अवसर छोड़ना नहीं चाह रही है। क्योंकि पूर्वोत्तर में कभी कांग्रेस का एकछत्र राज होता था। मगर आज वहां के सभी आठों प्रदेशों में कांग्रेस सत्ता से बाहर है। इसलिए मणिपुर के रास्ते कांग्रेस एक बार फिर पूर्वोत्तर में अपना वर्चस्व स्थापित करने का पूरा प्रयास कर रही है।

    कांग्रेस के लिए इस बार पंजाब में बड़ी संघर्षपूर्ण स्थिति हो रही है। 2017 में कांग्रेस ने 117 में से 77 सीटें जीती थी तथा 38.50 प्रतिशत वोट प्राप्त किए थे। उस वक्त कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस के एक छात्र नेता होते थे। मगर अब पंजाब में कांग्रेस की स्थिति एकदम से बदल गई है। कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस से बाहर होकर भाजपा के साथ गठबंधन कर अपनी अलग पार्टी बना कर उससे चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है। पंजाब में कांग्रेस को अरविंद केजरीवाल की आप पार्टी, अकाली दल बादल व भाजपा, कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोग कांग्रेस व सुखबीर सिंह ढींडसा के संयुक्त अकाली दल के गठबंधन के साथ चतुष्कोणीय मुकाबला करना पड़ रहा है। अपने सबसे मजबूत प्रदेश पंजाब में कांग्रेस को कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है। यदि पंजाब कांग्रेस के नेता एकजुट होकर मैदान में उतरते हैं तो कांग्रेस के लिए फिर से सरकार बनाने की संभावना बन सकती है।

    देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अपनी उपस्थिति बनाए रखने की लड़ाई लड़ रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर 114 सीटों पर चुनाव लड़ा था। मगर महज 7 सीटें ही जीत पाई थी। उस चुनाव में कांग्रेस को 54 लाख 16 हजार 540 यानी 6.25 प्रतिशत वोट मिले थे। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी काफी लंबे समय से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए काम कर रही हैं। उसी के चलते इस बार कांग्रेस अकेले ही अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरी है। कांग्रेस ने बड़ी संख्या में महिलाओं, अल्पसंख्यकों को भी टिकट दिया है। यदि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कुछ बड़ा कर पाने में सफल रहती है तो पूरे देश में कांग्रेस के लिए अच्छी संभावनाएं बनने के आसार हो जाएंगे। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के प्रदर्शन पर प्रियंका गांधी की भी राजनीति का भविष्य टिका हुआ है। क्योंकि प्रियंका गांधी ने अपना पूरा फोकस उत्तर प्रदेश पर ही कर रखा है।

    पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में कुल 690 विधानसभा सीटें हैं। जिनमें कांग्रेस ने पिछली बार 140 सीटें जीती थी। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में इन पांच राज्यों की 102 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने पंजाब में 8 उत्तर प्रदेश व गोवा में एक-एक सीटें जीती थी। पिछले विधानसभा व लोकसभा चुनाव में इन पांच राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन ज्यादा अच्छा नहीं रहा था। मगर इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस करो या मरो की नीति पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस पार्टी का पूरा वर्चस्व इन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव पर ही टिका हुआ है।

    (लेखक हिन्दुस्थान समाचार से संबद्ध हैं।)

    Share:

    मप्रः कृषि आय बढ़ाने के लिए फसल विविधीकरण जरूरीः केन्द्रीय मंत्री तोमर

    Mon Feb 21 , 2022
    – ग्वालियर-चंबल अंचल के किसानों को दिया गया उद्यानिकी प्रशिक्षण ग्वालियर। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री (Union Minister of Agriculture and Farmers Welfare) नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि ग्वालियर-चंबल अंचल में कृषि व उद्यानिकी को बढ़ावा देने के लिये केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा अनेक सुविधाएं जुटाई जा रही हैं, […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शनिवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved