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    जब्त एक हजार ऑटो रिक्शा के लिए लग रहे कैम्प

  • December 17, 2021

    • परमिट और फिटनेस जारी करेगा परिवहन विभाग…
    • जब्त खड़े रिक्शा का वहीं किया जाएगा फिटनेस टेस्ट

    उज्जैन। शहर में नियम विरुद्ध चल रहे ऑटो रिक्शाओं पर सख्त कार्रवाई करने वाला परिवहन विभाग अब रिक्शा चालकों की परेशानी भी समझ रहा है। इसलिए एक ओर जहां ऐसे रिक्शा के खिलाफ जांच अभियान जारी रहेगा, वहीं अब ऐसे ऑटो रिक्शाओं के दस्तावेज पूरे करने के लिए आरटीओ ऑफिस में कैंप भी शुरू हो गया है। खास बात यह है कि कैंप में उन रिक्शाओं के परमिट और फिटनेस भी जारी किए जाएंगे, जो कार्रवाई के दौरान जब्त किए जा चुके हैं। जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश पर प्रदेश के सभी बड़े शहरों में नियम विरुद्ध चल रहे ऑटो रिक्शाओं के खिलाफ कार्रवाई अभियान चल रहा है।


    इस दौरान उज्जैन में अब तक 1000 ऑटो जब्त किए जा चुके हैं। ज्यादातर के पास परमिट और फिटनेस नहीं है। कोर्ट के आदेशानुसार इनके चालान भी कोर्ट भेजे जा रहे हैं। जहां कम से कम 10 हजार के जुर्माने का प्रावधान है, जो रिक्शा चालकों के लिए भर पाना काफी मुश्किल है। रिक्शा चालकों द्वारा अपनी परेशानी परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को बताए जाने और कार्रवाई के बजाए दस्तावेज बनाने में मदद के लिए कैंप लगाए जाने के आग्रह के बाद परिवहन आयुक्त ने इस संबंध में आदेश जारी किए थे। इसके बाद उज्जैन आरटीओ में अब रिक्शा चालकों के दस्तावेज पूरे करने में मदद के लिए कैंप शुरू किया जा रहा है। आरटीओ संतोष मालवीय ने बताया कि कि रिक्शा चालक आरटीओ आकर जो भी दस्तावेज कम हैं, उन्हें पूरा करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इन्हें तुरंत पूरा करवाया जाएगा।

    कार्रवाई भी रहेगी जारी, कोर्ट के हैं निर्देश
    आरटीओ संतोष मालवीय ने बताया कि जब्त रिक्शा को छुड़वाने के लिए और कम से कम जुर्माना राशि के लिए जरूरी है कि उनके दस्तावेज पूरे हैं। इसे देखते हुए रिक्शा चालकों की मदद के लिए कैंप के दौरान ऐसे रिक्शा के भी दस्तावेज बनाए जाएंगे, जो जब्त हैं। यहीं पर फिटनेस टेस्ट के आधार पर ऐसे रिक्शा के फिटनेस सर्टिफिकेट भी जारी किए जाएंगे। रिक्शा चालकों की मदद के साथ कार्रवाई भी जारी रहेगी।

    45 दिन में कागजात सुधारे जाएंगे
    हाईकोर्ट के आदेश को अपने हिसाब से समझकर आरटीओ अमला सड़कों पर कार्रवाई कर रहा है, जबकि परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने स्वयं कोर्ट में कहा था कि इस आदेश को 45 दिन के अंदर लागू किया जाएगा। पिछले 20 दिनों से आरटीओ का अमला ऑटो रिक्शा पर कार्रवाई कर रहा है। इनमें वे ऑटो रिक्शा शामिल हैं जो नियम विरूद्ध चल रहे हैं, जबकि रिक्शा यूनियन का कहना है कि हाईकोर्ट से आदेश के बाद 45 दिन का समय देना था और फिर कार्रवाई करना थी। यह याचिका 2013 में लगाई गई थी और पिछले दिनों परिवहन आयुक्त मुकेश जैन को बुलाकर इस संबंध में कार्रवाई करने का कहा था। हालांकि अधिकारियों ने डेढ़ महीने का समय कागजात पूरे करने के लिए नहीं दिया और कार्रवाई शुरू कर दी। अब आंदोलन के बाद अधिकारी माने हैं और कुछ जिलों में शिविर लगाकर ऑटो रिक्शा वालों के कागजों को दुरूस्त किया जा रहा है। मध्यप्रदेश परिवहन संघ की ओर से कहा गया है कि कोरोना काल के कारण सभी काम ठप पड़े थे और ऐसे में परमिट संबंधी काम भी नहीं हो पाए। इसलिए जो ऑटो रिक्शा पकड़े गए हैं, उन्हें छोडे और कैम्प लगाकर कागजात पूरे करवाएं।

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