भोपाल। प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान 6 जुलाई को होगा। इस चरण में 133 नगरीय निकायों में वोट डाले जाएंगे। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, खंडवा, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, उज्जैन, सागर, सिंगरौली, सतना नगर निगम में पहले चरण में चुनाव होंगे। इसलिए इन क्षेत्रों में चुनाव का प्रचार चरम पर पहुंच गया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने शहरों में अपनी सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। नगरीय निकाय चुनाव के प्रथम चरण के लिए सोमवार शाम से चुनाव प्रचार थम जाएगा। इसके बाद प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ कमरा बंद कर मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने बैठकें कर रणनीति बनाएंगे और मतदान की तैयारियां करेंगे। नगरीय निकाय पहले चरण के लिए मतदान 6 जुलाई को चुनाव होगा। वोटिंग सुबह 7 से शाम 5 बजे तक ईवीएम के जरिए होगी। पहले चरण में कुल में 133 नगरीय निकायों में वोटिंग होगी। इनमें 11 नगर निगम, 36 नगर पालिका और 86 नगर परिषद शामिल हैं। पहले चरण में मतदान केंद्रों की संख्या 13 हजार 148 है। निकाय चुनाव में मतदाताओं को नोटा का विकल्प भी मिलेगा।
5 जुलाई को मतदान सामग्री का वितरण
नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण के तहत 6 जुलाई को भोपाल नगर निगम के लिए मतदान होगा। जिला प्रशासन की मतदान की तैयारियां शुरू कर दी गई है। राजधानी के लाल परेड ग्राउंड पर 5 जुलाई को सुबह से मतदान का वितरण किया जाएगा। 5 जुलाई को बारिश की संभावना को देखते हुए लाल परेड ग्राउंड पर वाटरॉफ डोम बनाए गए हैं जिनमें मतदान कर्मियों को मतदाता चुनाव में सामग्री का वितरण किया जाएगा। जिन कर्मचारियों की ड्यूटी में लगाई गई है, उन्हें 5 जुलाई को समय पर मतदान सामग्री ले जाने के निर्देश दिए गए हैं। मतदान दल 5 जुलाई को शाम तक मतदान केंद्रों पर पहुंचकर रात में ही मतदान की तैयारियां पूरी कर लेंगे। वहीं मतदान के लिए ईवीएम मशीनों का कमिश्निंग का काम भी कड़ी सुरक्षा में चल रहा है। इस काम में दो सौ से ज्यादा कर्मचारी दिन रात लगे हैं। जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचकर इसकी निगरानी कर रहे हैं
मतदान दलों पर हमले की घटनाओं से कर्मचारी चिंतित
पंचायत चुनाव में मतदान दलों पर हमले की घटनाओं से कर्मचारी चिंतित भी हैं और नाराज भी। कर्मचारी संगठनों ने चुनाव कार्य में लगे कर्मचारियों की सुरक्षा बढ़ाने सहित मतगणना जिला मुख्यालय पर कराने की मांग की है। संगठनों का कहना है कि आमतौर पर शांत माने जाने वाले क्षेत्रों में भी इस बार हिंसक घटनाएं हुई हैं। पीठासीन अधिकारी और उसका सहयोगी दल उपद्रवियों का निशाना बना है। इससे कर्मचारी सुरक्षा को लेकर आशंकित हैं, तो उनके परिजन तनाव में हैं। मध्य प्रदेश मंत्रालयीन कर्मचारी संघ, राजपत्रित अधिकारी संघ, लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ सहित अन्य संगठनों ने राज्य निर्वाचन आयोग और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन सौंपा है। मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के संरक्षक सुधीर नायक, राजपत्रित अधिकारी संघ अध्यक्ष डीके यादव सहित अन्य नेताओं ने मतदान दलों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि खासतौर पर मतगणना के समय और उसके बाद मतदान कर्मियों को विशेष सुरक्षा दिए जाने की जरूरत है। मतगणना के दौरान असामाजिक तत्वों का प्रवेश प्रतिबंधित करें या फिर विधानसभा चुनावों की भांति मतगणना जिला मुख्यालय पर ही कराएं।
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