इंदौर (Indore)। बिजली की गुणवत्ता के साथ आपूर्ति हो, साथ ही बिल की राशि भी समय पर वसूली जाए। गैर घरेलू श्रेणी के करीब सवा लाख उपभोक्ताओं से डेढ़ सौ करोड़ रूपए की बकाया राशि वसूली योग्य है। इस बकाया राशि को वसूलने के लिए सभी 15 सर्कलों में अभियान चलाए। इंदौर जिले में गैर घरेलू श्रेणी के बकायादारों करीब पच्चीस हजार है। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री अमित तोमर ने ये निर्देश दिए। तोमर ने बुधवार को पोलोग्राउंड स्थित सभागार में इंदौर व उज्जैन राजस्व संभाग के सभी जिलों के बिजली अधिकारियों की मिटिंग में कहा कि सभी ने बूथों, निर्वाचन कार्यों, मतगणना स्थलों पर अच्छी सेवाएं दी है। हमें अब कंपनी के मूल कार्यों की ओर शत प्रतिशत ध्यान केंद्रीत कर परिणाम प्राप्ति करना है।
तोमर ने कहा कि आरडीएसएस के तहत नए ट्रांसफार्मर, केपेसिटर बैंक, ग्रिड के कार्य समय पर हो। इसके लिए संबंधित डीई दैनिक एवं अधीक्षण यंत्री तीन दिन में समीक्षा करे, सप्ताह में एक बार साइट पर पहुंचकर प्रगति का भौतिक सत्यापन भी करे। इससे गुणवत्ता, नियमपालन, पारदर्शिता, प्रक्रियानुसार कार्य प्रगति का परिणाम सामने आएगा। तोमर ने कहा कि आरडीएसएस में सभी मटेरियल टेस्टिंग के उपरांत ही उपयोग में लाए जाए, इसकी शत प्रतिशत सुनिश्चितता की जाए। तोमर ने निर्देश दिए कि जिन एक लाख घरेलू उपभोक्ताओं की खपत जीरो यूनिट आ रही है, वहां परिसर का सत्यापन किया जाए। इस दौरान ट्रांसफार्मर का फेल रेट और ट्रिपिंग घटाने , लाइनों व संसाधनों के बिना दिए जाने वाले नए कनेक्शन के आवेदनों का हर हाल में तीन दिन में निराकरण करने के निर्देश दिए।
मंदसौर स्मार्ट मीटर वाला 9वां शहर
इस दौरान बताया गया कि बुधवार से कंपनी का मंदसौर स्मार्ट मीटर स्थापना वाला 9वां शहर बन गया है। इसके पहले इंदौर, महू, देवास, उज्जैन, रतलाम, खरगोन, झाबुआ, सेंधवा में स्मार्ट मीटर लगाना प्रारंभ किए गए थे। महू व देवास शहर पूर्ण स्मार्ट मीटरीकृत है।
एलआरयू का कार्यों की सराहना
मिटिंग में लोकल रिपेयरिंग यूनिट (एलआरयू) में ट्रांसफार्मरों के सुधार कार्य की सराहना की गई। कंपनी क्षेत्र के गैर शहरी क्षेत्रों के लिए कार्यरत एलआरयू में आइल और स्क्रैप का ठीक से स्टोरेज करने के भी निर्देश दिए गए।
इन्होंने भी किया संबोधित
मिटिंग के दौरान मुख्य महाप्रबंधक रिंकेश कुमार वैश्य, निदेशक पुनीत दुबे, सचिन तालेवार, कार्यपालक निदेशक गजरा मेहता, मुख्य अभियंता रवि मिश्रा, एसएल करवाड़िया, आरके आर्य, बीएल चौहान, शहर अधीक्षण यंत्री मनोज शर्मा, इंदौर ग्रामीण अधीक्षण यंत्री डॉ. डीएन शर्मा आदि ने भी विचार रखे।
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