उज्जैन। जीएसटी फर्जीवाड़े को खत्म करने के लिए केन्द्र और राज्य मिलकर पंजीयनों की जांच कर रहे हैं। दरअसल पिछले दिनों करोड़ों रुपए की जीएसटी चोरी के मामले सामने आए उसके चलते यह अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें 5 साल पुराने पंजीयन भी कई बोगस फर्मों के समाप्त किए जा रहे हैं। मगर इस चक्कर में वे ईमानदार व्यापारी परेशान हो रहे हैं जिन्होंने इनके साथ क्रय-विक्रय किया।
अब 18 प्रतिशत ब्याज और पेनल्टी के साथ बीते वर्षों में ली गई क्रेडिट की वसूली की जा रही है। जाने-माने कर सलाहकार आरएस गोयल का कहना है कि बोगस डीलरों पर सत्यापन के जरिए कार्रवाई तो ठीक है, मगर इस चक्कर में ईमानदार व्यापारियों को परेशान होना पड़ रहा है। दरअसल एक व्यापारी का पंजीयन निरस्त करने से उसके साथ क्रय-विक्रय करने वाले सामने वाले व्यापारी पर भी असर पड़ता है और बीते वर्षों की टैक्स क्रेडिट वसूली निकाली जा रही है। व्यवसाय स्थल बदलने या ताला लगा मिलने पर पंजीयन निरस्ती की बजाय व्यापारी को नोटिस देकर उसका पक्ष जानने का भी प्रयास करना चाहिए। वहीं कांग्रेस के उद्योग और व्यापार प्रकोष्ठ अध्यक्ष चौरडिय़ा ने भी मनमाने नियमों की आड़ में ईमानदार व्यापारियों को परेशान करने की आलोचना की।
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