इंदौर। अपराधों पर नियंत्रण के लिए तीन साल पहले प्रदेश में सीसीटीवी सर्वलेन्स योजना के तहत प्रदेश के हर शहर के आने और जाने वाले रास्तों पर कैमरे लगाए गए थे। इन कैमरों ने तीन साल में साढ़े पांच हजार चोरी के वाहनों को ट्रेस किया है। इस योजना के तहत कुछ और शहरों में कैमरे लगाए जा रहे हैं, ताकि संदिग्ध और चोरी के वाहनों की पहचान कर आरोपियों को पकड़ा जा सके।
यूं तो हर शहर में पुलिस अपने स्तर पर कैमरों का जाल बिछाने में जुटी है, लेकिन शहरों की सीमा पार कर जाने वाले संदिग्ध और चोरी के वाहनों की जांच के लिए 2019 में प्रदेश में सीसीटीवी सर्वलेन्स योजना के तहत प्रमुख शहरों में आने और जाने वाले 293 रास्तों पर 1569 कैमरे लगाए गए थे। ये कैमरे वीडीसी पोर्टल के माध्यम से सामने से गुजरने वाली हर गाड़ी के नंबर को रीड कर लेता है और यदि यह गाड़ी संदिग्ध है तो इसकी पूरी जानकारी सामने आ जाती है। यही नहीं, इस सिस्टम के माध्यम से तुरंत वहां की पुलिस को जानकारी मिल जाती है कि गाड़ी वहां से निकली है। तीन साल में इन कैमरों की मदद से साढ़े पांच हजार संदिग्ध गाडिय़ों को ट्रेस किया गया है। इसका संचालन स्थानीय पुलिस की मदद से किया जाता है। अब इस योजना के तहत मिली सफलता के बाद कुछ और शहरों में कैमरे लगाए जा रहे हैं।
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