नई दिल्ली । कंबोडियाई राजा (Cambodian King) नोरोडोम सिहामोनी (Norodom Sihamoni) सोमवार को भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर (On His First State Visit to India) नई दिल्ली पहुंचे (Arrives in New Delhi) । हवाई अड्डे पर विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने उनका स्वागत किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, भारत और कंबोडिया के बीच सभ्यतागत संबंधों को और गहरा करने का अवसर। राजा सिहामोनी तीन दिन तक भारत में रहेंगे। मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, राजकीय यात्रा भारत और कंबोडिया के बीच 1952 में स्थापित राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के जश्न का समापन के मौके पर है। कंबोडिया किसी राजा की भारत यात्रा लगभग छह दशकों के बाद हो रही है। इससे पहले वर्तमान सम्राट के पिता 1963 में यहां आए थे।
राजा सिहामोनी का मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में रस्मी स्वागत किया जाएगा और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उसी शाम बाद में उनके सम्मान में राजकीय भोज का आयोजन करेंगी। नरेश की राष्ट्रपति मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी होंगी। वह राजघाट पर महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे।
मंत्रालय के बयान में कहा गया है, भारत और कंबोडिया सभ्यतागत, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों और लोगों से लोगों के बीच गहरे लगाव द्वारा चिह्न्ति मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। बहुआयामी संबंध साझा सांस्कृतिक मूल्यों, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग, और क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर समान सोच पर आधारित है।
भारत ने माइनिंग उपकरण की खरीद के लिए कंबोडिया को 15 लाख डॉलर का अनुदान दिया है और भारत से रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए पांच करोड़ डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट की पेशकश की गई है। भारत में कम्बोडियन सेना के कर्मियों के लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और कंबोडियन कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए भारतीय सेना की मोबाइल प्रशिक्षण टीमों को दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र में तैनात किया गया है।
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए दोनों देशों के बीच व्यापार 36.6 करोड़ डॉलर था जो लगातार बढ़ रहा है। कंबोडिया में भारतीय निवेश मुख्य रूप से फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल और खनन में लगभग 11.5 करोड़ डॉलर का अनुमान है। इसके अलावा, भारत आईटीईसी के तहत प्रशिक्षण स्लॉट और आईसीसीआर के तहत छात्रवृत्ति के माध्यम से क्षमता निर्माण और मानव संसाधन विकास में भी कंबोडिया की सक्रिय रूप से सहायता कर रहा है ।
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