img-fluid

दिल्‍ली कूच का आव्‍हान जारी या घर वापसी करेंगे, सरकार के साथ आज अहम बैठक, जानें कहां अटकी है बात

February 18, 2024

नई दिल्‍ली (New Dehli)। किसान संगठन अपनी मांगों को मनमाने (arbitrary demands)के लिए एक बार फिर सड़क पर हैं। एमसएसपी पर कानून (Law on MSSP)समेत कई मांगों को लेकर किसान संगठनों का प्रदर्शन (Demonstration of farmer organizations)पिछले कुछ दिनों से जारी है। दिल्ली कूच को निकले किसानों को भले ही पुलिस ने पंजाब और हरियाणा बॉर्डर पर रोक लिया है लेकिन, किसानों ने अपनी हिम्मत नहीं छोड़ी है। आज किसान संगठनों के बीच सरकार की चौथे दौर की वार्ता होनी है। यह सबसे अहम बैठक मानी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, सरकार एमएसपी पर एक कमेटी की घोषणा कर सकती है। इसके लिए सरकार आज की बैठक में किसान संगठनों को प्रस्ताव भी दे सकती है। आज की बैठक में किसान संगठन निर्णय ले सकते हैं कि वे दिल्ली कूच का आह्वान जारी रखेंगे या घर वापसी करेंगे।


केंद्रीय मंत्रियों के साथ कई मुद्दों को हल करने के लिए किसान संगठन रविवार को एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। इससे पहले पंजाब फार्म यूनियन नेताओं ने शनिवार को कहा कि सरकार को किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी प्रदान करने के लिए एक अध्यादेश लाना चाहिए। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर पत्रकारों से कहा, ”अगर सरकार चाहे तो रातों-रात अध्यादेश ला सकती है। अगर वह किसानों के विरोध का समाधान चाहती है तो उसे अध्यादेश लाना चाहिए।”

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के नेता पंढेर से सहमत हैं और अध्यादेश की मांग दोहरा रहे हैं। उनका कहना है कि “जब सरकार अध्यादेश लाना चाहती है, तो लाती है… वे अब ऐसा क्यों नहीं कर सकते?” दल्लेवाल ने कहा कि इसे छह महीने के भीतर कानून में बदला जा सकता है।

एमएसपी पर अध्यादेश की मांग फार्म यूनियन नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथे दौर की वार्ता से एक दिन पहले आई है। एमएसपी की गारंटी कृषि संघों की प्रमुख मांगों में से एक रही है। किसान संगठनों की दूसरी मांग ऋण माफी है।

पंढेर ने कहा एमएसपी की गारंटी फसलों के विविधीकरण में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, सरकार दलहन और तिलहन का आयात करती है। कहा, “हम दलहन और तिलहन का भी उत्पादन कर सकते हैं। लेकिन हम गेहूं और धान की ओर जाते हैं क्योंकि वहां कोई सुनिश्चित खरीद नहीं है। अगर हमें गारंटी मिलती है, तो हमें इनका उत्पादन करने से कौन रोकता है?”

कृषि ऋण माफी पर पंधेर ने कहा कि केंद्र कह रहा है कि ऋण राशि का आकलन किया जाना चाहिए। सरकार को बैंकों से डेटा एकत्र करने से कौन रोकता है? यह केवल राजनीतिक इच्छाशक्ति का मामला है।

Share:

कांग्रेस का पावर सेंटर कम करने का मौका या सीधे जेब पर वार, कमलनाथ के आने से BJP को क्या फायदा

Sun Feb 18 , 2024
नई दिल्‍ली (New Dehli)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस दिग्गज कमलनाथ (Congress veteran Kamal Nath)के भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party)में शामिल होने की संभावनाएं हैं।अब अगर कमलनाथ लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections)से कुछ महीने पहले ही पाला बदलते (changing sides)हैं, तो यह स्पष्ट रूप से कांग्रेस के लिए तो झटका होगा […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
गुरुवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved