नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) देशभर के 75 शहरों में 75 लाख व्यापारियों को उद्यम आधार में पंजीकृत (75 lakh traders registered in Udyami Aadhar) कराने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान शुरू करेगा। कैट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में चल रहे आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत 10 अप्रैल से इस राष्ट्रीय अभियान को शुरू करने का ऐलान किया है।
कैट के राष्ट्रीय राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने रविवार को इस अभियान की घोषणा करते हुए कहा कि देश के सभी राज्यों के चिह्नित 75 प्रमुख शहरों में स्थानीय व्यापारिक संगठनों के सहयोग से यह शुरू किया जाएगा। कैट की 75 टीम सभी शहरों में आगामी 10 अप्रैल को इस कार्यक्रम की शुरुआत करेगी। उन्होंने बताया कि देश के सभी राज्यों की राजधानियों के अलावा राज्यों के अन्य प्रमुख शहरों में भी इस अभियान को चलाया जाएगा।
खंडेलवाल ने बताया कि पिछले दिनों कैट का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पियूष गोयल से देश के घरेलू व्यापार से संबंधित विषयों को लेकर मिला था, जिसमें चर्चा के दौरान गोयल ने इस योजना को चलाने का आग्रह किया था। गोयल ने कैट प्रतिनिधिमंडल से उद्यम आधार योजना को तेजी से देशभर के व्यापारियों के बीच ले जाकर इस योजना में व्यापारियों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में पंजीकृत करने का आग्रह किया था, जिससे व्यापारियों को इस योजना का लाभ मिल सके।
कैट महामंत्री ने बताया कि पूर्व में कारोबारी भी एमएसएमई की परिभाषा में शामिल थे लेकिन वर्ष 2017 में एक ऑफिस आर्डर के द्वारा उन्हें इस परिभाषा से निकाल दिया गया था। उसके बाद से कैट लगातार इस मुद्दे को सरकार के साथ उठाता रहा, जिसके बाद केंद्र सरकार ने व्यापारियों को इस परिभाषा में दोबारा जोड़ने का निर्णय लिया। इसी के उपरान्त रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने 7 जुलाई, 2021 को एक आर्डर जारी कर प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के लिए व्यापारियों को इस परिभाषा के तहत जोड़ने का आदेश दिया।
खंडेलवाल ने कहा कि उद्यम आधार से पंजीकृत व्यापारियों को बैंकों से कर्ज प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के तहत अन्य लोगों से कम ब्याज दर पर मिल सकता है, जिससे मौजूदा हालात में आर्थिक तंगी से जूझ रहे व्यापारियों को बड़ी राहत मिल सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण पिछले दो वर्षों से व्यापारी अपने सामान्य कारोबार से महरूम हैं, जिसके कारण उन्हें बेहद आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। खंडेलवाल ने आगे कहा कि अगर देशभर के व्यापारियों ने इस योजना के तहत पंजीकरण कर लिया तो फिर एमएसएमई सेक्टर को मिलने वाली अन्य अनेक सुविधाओं और राहत योजनाओं का भी लाभ व्यापारियों को मिल सकेगा।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 5 करोड़ रुपये तक की सालाना टर्नओवर वाले व्यापारियों को माइक्रो, 5 करोड़ रुपये से 75 करोड़ रुपये सालाना टर्नओवर वालों को स्माल तथा 75 करोड़ रुपये से 250 करोड़ रुपये तक की सालाना टर्नओवर वालों को मीडियम एंटरप्राइज का दर्ज़ा हासिल होगा। खंडेलवाल ने बताया कि भारत में रहने वाला कोई भी व्यापारी एमएसएमई के पोर्टल पर जाकर स्वयं उद्यम के तहत पंजीकरण नि:शुल्क प्राप्त कर सकता है। जो व्यापारी किसी एजेंसी के जरिए पंजीकरण करना चाहता है उनकी सुविधा के लिए कैट ने विभिन्न एजेंसियों को चिह्नित किया है, जो मामूली शुल्क लेकर व्यापारियों का पंजीकरण करेंगी। (एजेंसी, हि.स.)
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