नई दिल्ली (New Delhi)। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CIAT)) ने मंगलवार को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Union Commerce and Industry Minister Piyush Goyal) को भेजे एक पत्र में विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों (foreign e-commerce companies) को अप्रत्यक्ष रूप से इन्वेंट्री ई-कॉमर्स में शामिल होने से रोकने का आग्रह किया है, जो एफडीआई नीति द्वारा सख्ती से प्रतिबंधित है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने एक बयान में कहा कि भारत को दुनिया के साथ तालमेल बनाए रखने में मदद करने के लिए 2013 में पहली बार एमबीआरटी में 51 फीसदी एफडीआई की अनुमति दी गई थी। उसी को आगे बढ़ाते हुए 2016 के प्रेस नोट 3 के माध्यम से ई-कॉमर्स के मार्केटप्लेस मॉडल में 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति दी गई थी। हालांकि, एफडीआई नीति के कुछ प्रावधानों में एक गंभीर विरोधाभास उत्पन्न हुआ, जिसके कारण विदेशी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अप्रत्यक्ष रूप से फ़ूड में इन्वेंट्री ई-कॉमर्स कर रहे हैं।
खंडेलवाल ने बताया कि कैट ने इस संबंध में एफडीआई रिटेल पॉलिसी के प्रावधान 5.2.15.2.3 का ज़िक्र किया है, जिसमें ई-कॉमर्स क्षेत्र पर विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इसके अनुरूप (ii) ई-कॉमर्स के इन्वेंट्री-आधारित मॉडल में एफडीआई की अनुमति नहीं है तथा 5.2.5.1 एफडीआई नीति के प्रावधानों के अधीन, ‘विनिर्माण’ क्षेत्र में विदेशी निवेश स्वचालित मार्ग के तहत है। इसके अलावा किसी निर्माता को भारत में निर्मित अपने उत्पादों को सरकारी मंजूरी के बिना ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म सहित थोक या खुदरा माध्यम से बेचने की अनुमति है।’ कैट महामंत्री ने कहा कि जबकि 5.2.5.2 व्यापार क्षेत्र पर एफडीआई नीति प्रावधानों के बावजूद भारत में निर्मित और उत्पादित खाद्य उत्पादों के संबंध में ई-कॉमर्स सहित खुदरा व्यापार के लिए सरकारी अनुमोदन मार्ग के तहत 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति है।
कैट महामंत्री ने कहा कि 5.2.15.2.3 के अनुसार यह स्पष्ट है कि इन्वेंट्री ई-कॉमर्स में एफडीआई सख्ती से और स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित है। 5.2.5.1 के अनुसार एक निर्माता (जो स्वयं माल का उत्पादन करता है) के लिए स्वचालित मार्ग के तहत एफडीआई की अनुमति है और केवल निर्माता को ई-कॉमर्स सहित थोक और खुदरा के माध्यम से अपना माल बेचने की अनुमति है, लेकिन विरोधाभास 5.2.5.2 द्वारा निर्मित किया गया है। इसमें कहा गया है कि व्यापार क्षेत्र पर प्रावधानों के बावजूद, “भारत में निर्मित और उत्पादित खाद्य उत्पादों के संबंध में ई-कॉमर्स सहित खुदरा व्यापार के लिए सरकारी अनुमोदन मार्ग के तहत 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि यह प्रावधान यह आभास देता है कि किराना/खाद्य क्षेत्र में भारत में न केवल खाद्य और किराने के सामान के निर्माण के लिए बल्कि खाद्य तथा किराने के सामान के व्यापार (थोक, खुदरा और ई-कॉमर्स के माध्यम से) के लिए भी 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति है। इस प्रावधान की आड़ में अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट सहित अन्य ई कॉमर्स कंपनियां तीसरे पक्ष के निर्माताओं द्वारा भारत में निर्मित वस्तुओं का व्यापार (ई-कॉमर्स के माध्यम से) उन्हें अपने प्लेटफार्मों पर निजी लेबल के रूप में बेचकर इन्वेंट्री ई-कॉमर्स कर रहे हैं।
कैट महामंत्री ने कहा कि यह न केवल खंड 5.2.15.2.3 और 5.2.5.1 का उल्लंघन करता है, बल्कि इन्वेंट्री ई-कॉमर्स में एफडीआई को प्रतिबंधित करने की एफडीआई नीति के इरादे का भी उल्लंघन करता है। खंडेलवाल ने केंद्रीय मंत्री गोयल से मौजूदा विसंगति को दूर करने और सरकार की मंशा को सभी के सामने स्पष्ट करने के लिए एफडीआई नीति के खंड 5.2.5.2 में संशोधन करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने का आग्रह किया है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved