नई दिल्ली। अमेजन और फ्लिपकार्ट (Amazon and Flipkart) के खिलाफ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की जांच (Competition Commission of India (CCI) investigation) को फास्ट ट्रैक मोड में करने का आग्रह कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल *Union Commerce and Industry Minister Piyush Goyal( से किया है। कैट ने रविवार को गोयल को भेजे एक पत्र में कहा कि न्याय की दृष्टि से सीसीआई को दोनों ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ चल रही जांच को फ़ास्ट ट्रैक मोड में कराने का निर्देश दें।
दरअसल कैट और दिल्ली व्यापार महासंघ की ओर से सीसीआई में इन दोनों कंपनियों के खिलाफ अनेक शिकायतें दर्ज हैं, जिन पर सीसीआई ने जांच का आदेश दिया हुआ है। कैट ने जारी एक बयान में कहा है कि जांच में लंबा वक्त लगने से दोनों ई-टेलर्स को जांच से संबंधित रिकॉर्ड में हेरा-फेरी करने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा, जिससे न्याय मिलने में देरी हो सकती।
कारोबारी संगठन कैट ने यह भी कहा कि यह मामला लगभग दो साल से लटका हुआ है, जांच की धीमी प्रक्रिया जांच के उद्देश्य को ही खत्म कर देगी। इस मामले को कैट ने सितंबर, 2019 में वाणिज्य मंत्रालय के सामने उठाया था। कैट का कहना है कि चूंकि पीयूष गोयल उपभोक्ता मामलों के मंत्री हैं इसलिए उनसे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत प्रस्तावित ई-कॉमर्स नियमों को तुरंत लागू करने का आग्रह किया गया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार से ई-कॉमर्स नीति को जल्द से जल्द लागू करने का आग्रह भी किया है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने गोयल को भेजे पत्र में कहा कि सुप्रीम कोर्ट से अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ जांच पर रोक की अपील ख़ारिज होने के बाद अब सीसीआई को फास्ट ट्रैक मोड पर जांच जारी रखने के दिशा-निर्देश जारी करें। खंडेलवाल ने आशंका जताई कि सीसीआई जांच की सामान्य प्रक्रिया में काफी वक्त लग सकता है, जिसमें जांच के उद्देश्य को विफल करने के लिए दोनों कंपनियां अनेक प्रकार के हथकंडे अपना सकती है। इस बीच ये कंपनियां हमेशा की तरह अपने अनुचित व्यापारिक मॉडल को जारी रखेंगी, जिससे देश के छोटे व्यापारियों और उपभोक्ताओं को काफी नुकसान होगा। (एजेंसी, हि.स.)
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