-देशभर के बाजारों में दिसंबर तक 3 लाख करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान
नई दिल्ली। दिवाली का त्योहार (Diwali festival) नई उमंग और ताजगी (new zeal and freshness) लेकर आया है, जिससे देशभर के बाजारों में ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ने लगी है। इसको देखकर ऐसा लगता है कि पिछले दो वर्ष की खरीदारी की भरपाई लोग इस दिवाली करने को बेताब हैं। कारोबारी संगठन (Business Organization) कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) का अनुमान है कि इस इस वर्ष दिवाली पर सभी क्षेत्रों में लगभग एक लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा।
कैट ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि इस वर्ष दिवाली पर चीनी सामान नहीं बिके हैं। कारोबारी संगठन का अनुमान है कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए देश के बाजारों में लगभग तीन लाख करोड़ रुपये ग्राहकों के माध्यम से आएंगे। कैट ने कहा कि दो वर्ष की बेबसी और कुंठा को इस वर्ष की दिवाली ने उल्लास में बदल दिया है, जो भविष्य के व्यापार के लिए एक बड़ा संकेत है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने उम्मीद जताया कि दिवाली से लेकर इस वर्ष के अंत तक लगभग 3 लाख करोड़ रुपये बाजार में आने की संभावना है। खंडेलवाल ने कहा कि इससे धन की तरलता आएगी और व्यापारियों का वित्तीय संकट कुछ हद तक दूर होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना सहित सरकार की अन्य योजनाओं के अंतर्गत लोगों को दिया गया धन तथा बैंकों द्वारा इंडस्ट्रियल लोन के मुकाबले पर्सनल लोन देने से जो पैसा लोगों के पास आया है वो भी बाजार में ही खर्च होने वाला है। इसीलिए दिवाली से लेकर आने वाले समय तक देशभर के व्यापारी अच्छे कारोबार की उम्मीद कर रहे हैं।
खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” अभियान को मूर्त रूप देते हुए कैट ने गत वर्ष 10 जून को “चीनी सामान के बहिष्कार” का राष्ट्रीय अभियान देशभर में शुरू किया था, जो इस वर्ष दिवाली के मौके पर परवान चढ़ा है। कैट महामंत्री ने कहा कि इस बार दीवाली के मौके पर लोग खासतौर पर मिट्टी के दिए, हाथ की बानी वंदनवार, मोमबत्ती एवं मोम के बने दिए, रुई, घर को सजाने के लिए रंगोली के रंग, मिट्टी की हठरी, खांड के बने खिलौने, मिट्टी के लक्ष्मी एवं गणेश जी, पेपरमेशी से बनी कंडीलें तथा पूजन के लिए खील-बताशे आदि खरीदने के लिए बेहद उत्सुक है, जिससे वो अपने घरों को पारंपरिक रूप से सजा सकें।
कैट महामंत्री ने बताया कि इस वर्ष पैकेजिंग व्यापार बहुत तेजी से देशभर में बढ़ा है। एक अनुमान के अनुसार इस दीपावली पर पैकेजिंग का व्यापार लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि देशभर में इस वर्ष पारंपरिक वस्तुओं का कारोबार का आंकड़ा लगभग 30 हजार करोड़ रुपये का है। खंडेलवाल ने कहा कि इस बार दीपावली की खास बात यह है कि लोग ज्यादा तड़क-भड़क की वस्तुओं के मुकाबले पारंपरिक वस्तुओं की खरीदारी पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष दिवाली का त्योहार पूर्ण रूप से भारतीय परंपरा के अनुसार मनाई जा रही है। कैट ने देशभर के व्यापारियों से दिवाली को भारतीय दिवाली यानी लोकल दिवाली के रूप में मनाने का आह्वान किया है। (एजेंसी, हि.स.)
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