नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल (Union Minister of Commerce and Consumer Affairs Piyush Goyal) से देश में ई-कॉमर्स व्यापार में व्यापक विसंगतियों (Widespread discrepancies in e-commerce business) को दूर करने के लिए ई-व्यावसाय नियमों को तत्काल जारी करने की मांग की है। इसके साथ ही कैट ने गोयल से यह भी आग्रह किया है कि कर्णाटक हाई कोर्ट द्वारा हाल ही में अमेजन और फ्लिपकार्ट द्वारा दायर याचिका खारिज करने के बाद सीसीआई को तुरंत जांच शुरू करने का निर्देश दें। कैट ने सोमवार को पीयूष गोयल को एक पत्र भेजकर यह मांग की है।
कारोबारी संगठन कैट का कहना है कि अब जबकि ई-कॉमर्स नियमों के मसौदे पर हितधारकों से सभी सुझाव प्राप्त हो गए हैं। इसलिए अब बिना और विलम्ब के केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को उक्त सुझावों पर विचार कर तुरंत ई-कॉमर्स नियमों को अधिसूचित करना चाहिए। ताकि, भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय को सही तरीके से चलाया जा सके, जिससे न केवल छोटे व्यापारी बल्कि देश के आम उपभोक्ता भी उसका पूरा लाभ उठा सकें।
पीयूष गोयल को भेजे पत्र में कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि राखी से दिवाली तक शुरू होने वाले आगामी त्योहारी सीजन के मद्देनजर, ई-कॉमर्स के नियमों को तुरंत अधिसूचित किया जाना जरूरी है, जिससे देश में एक स्वस्थ एवं पारदर्शी ई-कॉमर्स व्यवस्था कायम हो सके, जिसका लाभ न केवल छोटे व्यापारी बल्कि आम उपभोक्ता भी उठा सकें।
लेकिन उससे पहले कुछ बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की दादागिरी को ख़त्म करना बेहद जरूरी है ! ई कॉमर्स व्यवसाय के वार्षिक कारोबार का लगभग 50% व्यापार इसी त्योहारी सीजन की अवधि के दौरान होता है ! इस तरह के त्योहार की अवधि के महत्व को देखते हुए, ई-कॉमर्स व्यवसाय को इस तरह से विनियमित किया जाना चाहिए जिससे गैर-भेदभावपूर्ण और पारदर्शी व्यापार प्रणाली हो सके।
खंडेलवाल ने कहा कि विचाराधीन नियम भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय के संचालन के तौर-तरीकों और मानकों का स्पष्ट दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि कुछ निहित स्वार्थ समूहों द्वारा प्रस्तावित नियमों का अतार्किक और अनावश्यक विरोध उनका अनर्गल प्रलाप है, जिसका कोई आधार नहीं है। ये कंपनियां समझ लें की भारत के 8 करोड़ व्यापारी पूरी तरह सतर्क हैं और किसी भी सूरत में किसी भी ई-कॉमर्स कम्पनी को देश के ई-व्यवसाय का अपहरण नहीं करने देंगे।
कैट महामंत्री ने कहा कि विदेशी वित्त पोषित ई-कॉमर्स कंपनियों के व्यापार प्रथाओं के अनैतिक और कानून का उल्लंघन करने से देश में बड़ी संख्या में दुकानें बंद हो गई है। इन ई-कॉमर्स कंपनियों ने छोटे व्यापारियों के व्यवसायों को प्रोत्साहित करने के बजाय सभी प्रकार के कदाचारों में लिप्त होकर देश के छोटे व्यापारियों के व्यापार को बर्बाद करने का षड्यंत्र रचा हुआ है। इसलिए अब वक्त आ गया है जब इस षड्यंत्र को समाप्त किया जाना अत्यंत आवश्यक है। खंडेलवाल ने कहा कि भारत के व्यापारी ई-कॉमर्स के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यह मानते है कि ई-कॉमर्स भविष्य का सबसे आशाजनक व्यवसाय है और भारत के व्यापारियों को भी ई-कॉमर्स को व्यापार के एक अन्य स्वरुप के रूप में अपनाना चाहिए, जिसके लिए कैट कटिबद्ध है। (एजेंसी, हि.स.)
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