नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आयकर विभाग द्वारा एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित चीनी हवाला रैकेट के भंडाफोड़ की व्यापक जांच की मांग की है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को भेजे एक पत्र में कैट ने चीन की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए उसे देश की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बताया है।
कैट का कहना है कि इस मामले की व्यापक जांच कराई जानी चाहिए, ताकि ऐसे कामों में लिप्त चीन के और नागरिकों का पता चल सके। इस मामले में बंधन बैंक तथा आईसीआईसीआई बैंक के शामिल होने सहित विभिन्न ई-कॉमर्स कंपनियों की साठगांठ पर भी कैट ने जांच की मांग की है और दोषियों को कड़ा दंड देने तथा एक प्रकार के राजद्रोह का मुक़दमा चलाने की मांग भी की है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि यह एक भयावह और दुर्भावनापूर्ण प्रयास है जो चीनी नागरिकों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए चीनी सरकार द्वारा समर्थित भी हो सकता है। कैट ने इस मामले की प्रवर्तन निदेशालय द्वारा भी एक अलग जांच कराए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा की यह भी जांच का विषय है कि चीनी व्यक्ति लुओ सांग का चार्ली पेंग के नाम से मणिपुर से भारतीय पासपोर्ट कैसे जारी हो गया तथा उसको आधार और पैन नंबर भी कैसे जारी हुआ। इसके जरिए उसने बैंकों में अनेक खाते खोले। यह कहीं न कहीं देश एवं राज्य की व्यवस्था में कमजोरी दिखाता है।
खंडेलवाल ने कहा कि करीब 40 फर्जी बैंक खातों के खुलने और उनके लगातार संचालित होने पर यह निश्चित है कि इस मामले में चीनी व्यक्ति और बैंक अधिकारियों के बीच गहरी साठगांठ है और बैंक अधिकारियों ने जानते हुए भी इन अनियमित बैंक खातों को चलने दिया। ऐसे सभी बैंक अधिकारियों की पहचान कर उन्हें तुरंत सम्बंधित बैंक से निष्कासित किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। (एजेंसी, हि.स.)
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