नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद के बीच केंद्र सरकार ने 118 और चीनी ऐप्स पर बुधवार को प्रतिबंध लगा दिया है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया टेड्रर्स (कैट) ने सरकार के इस कदम को चीन के खिलाफ एक मील का पत्थर करार दिया है। कैट ने कहा कि निश्चित रूप से सरकार का ये कदम देश का मनोबल बढ़ाएगा।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि सरकार के इस कदम से 10 जून, 2020 के बाद से देशभा में कैट के चीन विरोधी आंदोलन को प्रबलता से चलाने में मदद मिलेगी। खंडेलवाल ने कहा कि सरकार ने चीन को लेकर अब अपना इरादा बेहद स्पष्ट कर दिया है।
खंडेलवाल ने कहा कि इससे पहले जून में 59 और जुलाई में 47 चीनी मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध के बाद अब 118 चीनी ऐप्स की प्रतिबंधित करना जरूरी था। क्योंकि ये ऐप्स हमेशा से ही देश की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा थे। उन्होंने कहा कि इन ऐप्स के जरिए व्यक्तिगत डेटा चीनी कंपनियों को प्राप्त होता था, जिसके दुरुपयोग की सम्भावना बनी हुई थी।
कैट राष्ट्रीय महामंत्री ने कहा कि पबजी जैसे गेम देश के भावी पीढ़ी को खराब कर रहे थे, क्योंकि भारत में ज्यादा से ज्यादा लोग पबजी और अन्य ऐप्स पर अपना समय नष्ट कर रहे थे। खंडेलवाल ने कहा कि केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद को 24 अगस्त को भेजे गए अपने पत्र में कैट ने और अधिक चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया था।
खंडेलवाल ने कहा कि देशभर के व्यापारिक समुदाय की ओर से हम भारत के लोगों की इच्छा के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। क्योंकि सरकार ने ये बहुत ही अच्छा कदम उठाया है। दरअसल ये चीनी ऐप्स सुरक्षा के लिए बड़ा ख़तरा थी। (एजेंसी, हि.स.)
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