• img-fluid

    कैग रिपोर्ट में ‘राफेल डील’ के खुलासे पर कांग्रेस का सरकार पर निशाना

  • September 24, 2020

    नई दिल्ली। लड़ाकू विमान राफेल की खरीद को लेकर कैग रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सरकार पर निशाना साधा है। प्रमुख विपक्षी पार्टी ने कहा कि भले ही केंद्र की मोदी सरकार राफेल की खरीद को लेकर ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने का दावा करे लेकिन कैग की रिपोर्ट ने सारी पोल खोल दिया है। कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि डसॉल्ट एविएशन ने 60,000 करोड़ की डील में ऑफसेट की शर्तों का पालन नहीं किया है। ऐसे में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर कन्फर्म नहीं पर सवाल खड़ा होता है कि क्या अब भी सरकार कहेगी कि अनुबंध का दायित्व पूरा हो गया? उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कहीं सीएजी की रिपोर्ट से समस्याओं का पिटारा तो नहीं खुल गया।

    पी. चिदंबरम ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि “कैग ने पाया है कि राफेल विमान के विक्रेताओं ने ऑफसेट अनुबंध के तहत प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की पुष्टि नहीं की है। जबकि ऑफसेट दायित्वों को 23-9-2019 को शुरू होना चाहिए था और पहली वार्षिक प्रतिबद्धता 23-9-2020 तक पूरी होनी चाहिए थी, जो कि कल था। क्या सरकार अब भी कहेगी कि दायित्व पूरा हो गया? क्या सीएजी की रिपोर्ट से समस्याओं का पिटारा खुल गया है?”

    वहीं कांग्रेस महासचिव एवं प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि सबसे बड़े रक्षा सौदे की कालानुक्रम जारी है। कैग की नई रिपोर्ट स्वीकार करती है कि ‘प्रौद्योगिकी हस्तांतरण’ राफेल ऑफसेट में आश्रयित है। पहला ये कि ‘मेक इन इंडिया’ ‘मेक इन फ्रांस’ बन गया। अब, डीआरडीओ ने तकनीकी हस्तांतरण के लिए डंप किया। उन्होंने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी अब भी कहेंगे कि सब चंगा सी!

    उल्लेखनीय है कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ​ने मानसून सत्र में के दौरान डिफेंस ऑफसेट पॉलिसी पर ​​संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में ​पिछले 15 साल में विदेशी कंपनियों से हुए रक्षा सौदों में भारत को 8000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान जताया है​​। ​साथ ही लड़ाकू विमान राफेल बनाने वाली कंपनी पर करार के मुताबिक​ ​​​कावेरी​ इंजन की तकनीक अभी तक हस्तांतरित न करने पर सवाल उठाया है​। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ऑफसेट पॉलिसी से मनमाफिक नतीजे नहीं निकल रहे हैं इसलिए मंत्रालय को पॉलिसी और इसे लागू करने के तरीकों की समीक्षा करने की जरूरत है। जहां पर दिक्कत आ रही है उसकी पहचान कर उसका समाधान ढूंढने की जरूरत है। (एजेंसी, हि.स.)

    Share:

    कृषि विधेयकों पर किसानों को विश्वास में लेकर निर्णय करना होता बेहतर: मायावती

    Thu Sep 24 , 2020
    लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो मायावती ने संसद में पारित हुए कृषि विधेयकों को लेकर फिर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पहले किसानों को विश्वास में लेकर बाद में निर्णय लेना चाहिए था। इससे पहले भी भी इन विधेयकों को लेकर अपनी असहमती जता चुकीं हैं। मायावती ने गुरुवार […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved