कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य असाक्षरों को बुनियादी एवं कार्यात्मक साक्षरता प्रदान कराना है। यह योजना वित्तीय वर्ष 2021-22 से संचालित होगी। प्रदेश में साक्षरता कार्यक्रम राज्य, जिला एवं विकासखण्ड में समग्र शिक्षा अभियान/शिक्षा विभाग में कार्यरत अमले से कार्य संपादन कराया जायेगा। साथ ही असाक्षरों को साक्षर करने में जिन संस्थाओं/व्यक्तियों का सहयोग लिया जायेगा उनको “अक्षर साथी” कहा जाएगा। अक्षर साथियों द्वारा स्वयं की इच्छा से साक्षरता कक्षाएँ संचालित की जाएगी। इसमें असाक्षरों को बुनियादी एवं कार्यात्मक साक्षरता प्रदान करवायी जाएगी। इस कार्य के लिए किसी भी प्रकार का पारिश्रमिक/मानदेय का भुगतान नहीं किया जाएगा। साक्षरता कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की नियमित नियुक्ति नहीं की जायेगी।
परियोजना राज्य एवं केन्द्र के मिश्रित अनुदान से संचालित होगी। इसमें केन्द्र एवं राज्य में लागत राशि का अनुपात 60:40 का रहेगा। साक्षरता कार्यक्रम में पाँच वर्षों के लिए 32 लाख 60 हजार असाक्षरों को नवसाक्षर करने का भौतिक लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए पाँच वर्षों में लगभग 110 करोड़ 84 लाख रूपये का व्यय करने का वित्तीय लक्ष्य है।
128 करोड़ रूपये से अधिक लागत के 4 नये औद्योगिक पार्क
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में 128 करोड़ 65 लाख की लागत राशि से 4 नए औद्योगिक पार्क विकसित करने का निर्णय लिया है। इसमें बहुउत्पाद औद्योगिक पार्क मोहना, रतलाम, जावरा और कटनी (लमतरा) शामिल है। औद्योगिक क्षेत्र विकास करने की योजना के क्रियान्वयन से नए उद्योगों की स्थापना के लिए लगभग 3400 करोड़ रूपये का निवेश और 4 हजार व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। इसके अलावा प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष करों के रूप में शासन को राजस्व की प्राप्ति होगी।
मध्यप्रदेश जल निगम
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित की संरचना के सुदृढ़ीकरण एवं 4 नयी परियोजना क्रियान्वयन इकाइयों (गुना, सिंगरौली, मंदसौर, तथा नीमच) के गठन की स्वीकृति दी। प्रत्येक नई परियोजना क्रियान्वयन इकाई के लिये 17 पद के मान से 68 नये पद तथा जल निगम मुख्यालय की संरचना के सुदृढ़ीकरण के लिये 24 नये पद, इस प्रकार कुल 92 नये पदों का सृजन करने की स्वीकृति दी।
जल निगम ने अपनी स्थापना वर्ष 2012 से अब तक 1316 करोड़ रूपये लागत की 19 समूह जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन पूरा किया है। इनसे 805 ग्रामों को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। पूर्व में जल निगम द्वारा जहाँ प्रतिवर्ष औसतन 10 परियोजनाओं के कार्य किये जा रहे थे, वहीं वर्तमान वर्ष 2021-22 में 40 परियोजनाओं का क्रियान्वयन कराया जा रहा है। जल निगम के कार्य तथा कार्य-क्षेत्र के विस्तार को ध्यान में रखते हुए जल निगम की मुख्यालय स्तर की संरचना का विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण तथा चार नई परियोजना क्रियान्वयन इकाइयों का गठन किया जाना आवश्यक था, तदनुसार मंत्रि-परिषद ने आज इसकी स्वीकृति दी।
वर्तमान में जल निगम द्वारा विभिन्न जिलों में 14,135 करोड़ रूपये लागत की 40 समूह जल-प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन का कार्य प्रगतिरत हैं। इन योजनाओं से 10 हजार 294 ग्रामों को लाभान्वित किया जाना लक्षित है।
श्री विवेक सागर को उप पुलिस अधीक्षक पद पर नियुक्ति
मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा 12 अगस्त 2021 के अनुपालन में ओलिंपिंक हॉकी खिलाड़ी श्री विवेक सागर प्रसाद को उप पुलिस अधीक्षक (जीडी) के सीधी भर्ती के रिक्त पद पर नियमों को शिथिल करते हुए सशर्त विशेष नियुक्ति प्रदान करने का निर्णय लिया है।
मूंग एवं उड़द उपार्जन
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में ग्रीष्मकालीन 2020-21 (विपणन वर्ष 2021-22) में भारत सरकार की प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पी.एम.आशा) अंतर्गत प्राईस सपोर्ट स्कीम (पी.एस.एस.) एवं मूल्य स्थिरीकरण कोष (पी.एस.एफ) में ग्रीष्मकालीन वर्ष 2020-21 (विपणन वर्ष 2021-22) में मूंग एवं उड़द उपार्जन के लिए पंजीकृत कृषकों से राज्य उपार्जन एजेंसी “म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ” द्वारा करने का निर्णय लिया।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना
“प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना” का संचालन करने के लिए अनुसूचित जाति कल्याण विभाग को नोडल विभाग घोषित किया गया है। वर्ष 2020-21 मे नए 117 ग्रामों का चयन भारत सरकार द्वारा किया गया है। योजना में चयनित ग्रामों के अनुसूचित जाति के सदस्यों को सीधे लाभान्वित करवाया जायेगा। मंत्रि-परिषद ने प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के संचालन और वर्ष 2017-18,2018-19 और 2019-20 में निरन्तर रखने का अनुमोदन किया। “प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना” में भारत सरकार द्वारा 2011 की जनगणना के आधार पर 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति की आबादी वाले ऐसे ग्रामों का चयन किया जाता है, जिनकी आबादी 500 या उससे अधिक है। तैयार ग्राम विकास योजना में अधोसरंचना के कार्यों के अंतरपाटन के लिए भारत सरकार द्वारा राशि जारी की जाती है। अन्य विकास कार्य अभिसरण के माध्यम से संबंधित विभाग द्वारा किये जाकर ग्राम का समग्र विकास कर आदर्श ग्राम घोषित किये जाने का प्रावधान है।
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