नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट और CCEA (Cabinet Committee on Economic Affairs) की बैठक में पेट्रोलियम मंत्रालय के प्रस्ताव को मानते हुए एथेनॉल की कीमतें (Ethanol Price) बढ़ाने का फैसला लिया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि एथेनॉल की कीमतों में 5 से 8 फीसदी बढ़ोतरी की गई है। शुगर से बनने वाले एथेनॉल की कीमत 62.65 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है। बी हैवी की कीमत 57.61 रुपये और सी हैवी की कीमत 45.69 प्रति लीटर कर दी गई है। इससे शुगर मिलों के हाथ में ज्यादा पैसा आएगा और वे किसानों के बकाये का भुगतान कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि 10 फीसदी एथेनॉल को पेट्रोल में मिलाया जाता है।
जूट पैकेजिंग को लेकर बड़ा ऐलान-केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को जूट के बैग को बढ़ावा देने के लिए खाद्यान के सामान की जूट के बैग में पैकिंग की जाएगी। अब खाद्दान की सौ फीसदी पैकजिंग जूट के थैलों और चीनी के बीस फीसदी सामान की पैकजिंग जूट के थैलों में ही होगी। आम लोगों के लिए जूट के थैलों का क्या दाम होगा, इसका फैसला कमेटी करेगी।
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— PIB in Maharashtra 🇮🇳 (@PIBMumbai) October 29, 2020
प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि खाद्यान्न में 100 फीसदी और चीनी में 20 फीसदी जूट पैकेजिंग को अनिवार्य कर दिया है। इससे जूट की मांग बढ़ेगी और जूट की खेती को बढ़ावा मिलेगा। इससे पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, मेघालय, त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश के जूट किसानों को फायदा होगा।
कैबिनेट बैठक में बांधों की सुरक्षा और मेंटनेंस के लिए नई योजना को मंजूरी दी गई है। ये परियोजना दो चरणों में पूरी होगी, जिसकी लागत दस हजार करोड़ रुपये तक का होगा। इस योजना के तहत मौजूदा बांधों को नई तकनीक के आधार पर तैयार किया जाएगा, जो बांध काफी पुराने हो गए हैं उनमें सुधार किया जाएगा और अन्य कामों को पूरा किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देशभर में चयनित 736 बांधों की सुरक्षा और परिचालन प्रदर्शन में सुधार के लिए बाहरी सहायता प्राप्त ‘बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना’ के दूसरे और तीसरे चरण को मंजूरी दी है। इस परियोजना पर कुल 10,211 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस परियोजना को अप्रैल 2021 से मार्च 2031 तक लागू किया जाएगा।
अगले सीज़न में उत्पादन बढ़ने का अनुमान-बता दें कि अगले सीज़न (दिसंबर 2020-नवंबर 2021) तक एथेनॉल का उत्पादन दोगुना होने का अनुमान है। उत्पादन बढ़ने से सरकार पेट्रोल में 8 फीसदी एथेनॉल मिलाने का लक्ष्य पूरा कर पायेगी। सूत्रों के मुताबिक नेशनल बायोफ्यूल पॉलिसी के तहत 2022 तक 10 फीसदी और 2030 तक 20 फीसदी Ethanol Blending जरूरी करने का लक्ष्य है।
एथेनॉल को घरेलू तौर पर बनाया जा सकता है, जिसके जरिए पेट्रोलियम के आयात पर निर्भरता कम की जा सकती है। एनर्जी सिक्योरिटी को बढ़ाया जा सकता है। यह नॉन-टॉक्सिक, बायोडिग्रेडेबल साथ ही सभालने में आसान, स्टोर और ट्रांसपोर्ट के लिए सुरक्षित है. यह रिन्यूएबल प्लांट सोर्स से बनाया जाता है।
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