नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी है, सरकारी सूत्रों ने न्यूज 18 को यह जानकारी दी है. एलआईसी में अब ऑटोमेटिक रूट के तहत 20 प्रतिशत तक एफडीआई (FDI) की अनुमति होगी.
LIC IPO को देखते हुए यह माना जा रहा था कि आज की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है. मौजूदा एफडीआई नीति के मुताबिक बीमा क्षेत्र में 74 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है. हालांकि, यह नियम भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) पर लागू नहीं होता है. इसका प्रबंधन एक अलग कानून एलआईसी अधिनियम के तहत होता है.
आईपीओ सेबी के नियमों के अनुरूप जरूरी
बाजार नियामक सेबी के नियमों के अनुसार, आईपीओ पेशकश के तहत एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेश) और एफडीआई दोनों की अनुमति है. चूंकि एलआईसी अधिनियम में विदेशी निवेश के लिये कोई प्रावधान नहीं है, अत: विदेशी निवेशक भागीदारी के संबंध में प्रस्तावित एलआईसी आईपीओ को सेबी के मानदंडों के अनुरूप बनाने की आवश्यकता है. लिहाजा एलआईसी विदेशी निवेश को मंजूरी देना जरूरी था. मंत्रिमंडल ने पिछले साल जुलाई में एलआई के आईपीओ को मंजूरी दी थी. इस IPO के लिए एलआईसी ने बाजार नियामक सेबी के समक्ष आवेदन किया हुआ है. संभवत मार्च में एलआईसी का आईपीओ आएगा.
एलआईसी आईपीओ में निवेशक ले रहे रुचि
यूक्रेन संकट के बाद शेयर बाजार में दबाव के बीच एलआईसी आईपीओ के आगे टलने के अनुमानों को वित्तमंत्री ने खारिज करते हुए कहा है कि बाजार में आईपीओ चर्चा में है. निवेशक इसको लेकर काफी रुचि भी दिखा रहें हैं. इसी वजह से सरकार इस इश्यू को लेकर आगे बढ़ रही है. एलआईसी का आईपीओ देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होने जा रहा है.
LIC IPO में निवेशकों की गहरी रूचि
एलआईसी के आईपीओ निवेशक गहरी रूचि दिखा रहे हैं. पॉलिसी होल्डर के लिए एलआईसी ने आईपीओ का 10 फीसदी हिस्सा रिजर्व रखा है. इसके लिए पॉलिसी होल्डर को अपना पैन एलआईसी की साइट पर अपडेट करना है. इसके लिए 28 फरवरी लास्ट डेट है. अब तक 70 लाख से ज्यादा पॉलिसी होल्डर्स ने एलआईसी आईपीओ के लिए अपना पैन अपडेट किया है.
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