इंदौर। पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) की कीमतें (Prices) लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे निजी वाहन (Private Vehicles) चालकों की तो कमर टूट ही रही है, वहीं लोक परिवहन (Public Transport) के साधनों में भी भाड़ा वृद्धि (Freight Hike) होरही है। कैब (Cabs) आधारित टैक्सियों (Taxis) का 15 फीसदी तक भाड़ा बढ़ गया, तो दूसरी तरफ ट्रकों के भाड़े में भी फिलहाल 10 फीसदी तक वृद्धि कर दी गई है, क्योंकि डीजल भी 100 रुपए पार प्रति लीटर हो गया है। बस ऑपरेटरों (Bus Operators) द्वारा भी भाड़ा बढ़ाने की लगातार मांग की ही जा रही है। हालांकि अभी 4-5 दिन से पेट्रोल-डीजल के भाव में वृद्धि नहीं हुई, मगर उसके पहले लगातार रोजाना की जा रही वृद्धि के चलते 10 से 12 रुपए प्रति लीटर तक इजाफा हो गया।
उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) सहित अन्य राज्यों में चुनाव के चलते केन्द्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) के भाव 3 से 4 महीने तक नहीं बढऩे दिए और जैसे ही चुनाव समाप्त हुए, अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में हुई बढ़ोतरी का हवाला देकर 80 पैसे से लेकर 1 रुपए तक की हर 24 घंटे में वृद्धि लाद दी। लगातार पेट्रोल-डीजल की कीमतें पिछले दिनों बढ़ी, जिसके चलते वाहन चालकों का ही तेल निकल गया। इधर कैब आधारित टैक्सियों (Taxis) ने भी 15 फीसदी तक दरें प्रति किलोमीटर के मान से बढ़ा दी। ओला, उबर के साथ-साथ ऑटो और अन्य ट्रेवल एजेंसियों द्वारा संचालित टैक्सियों (Taxis) का भाड़ा भी बढ़ गया। कई टैक्सियां (Taxis) पेट्रोल-डीजल और सीएनजी से चलती है। पिछले दिनों सीएनजी (CNG) की कीमतों में भी वृद्धि हो गई। वहीं ट्रांसपोर्टरों ने ट्रकों के भाड़े भी कम से कम 10 फीसदी तक बढ़ा दिए। इंदौर से चैन्नई का भाड़ा अब 70-72 हजार रुपए तक हो गया, जो पहले 60 से 65 हजार के बीच था। ट्रक मालिकों का कहना है कि एक तरफ डीजल की कीमतें बढ़ी, दूसरी तरफ टोल टैक्स की दरें भी अभी 1 अप्रैल से बढ़ा दी गई हैं। वहीं जगह-जगह अवैध वसूली अलग होती है, जिसके चलते अब ट्रकों का संचालन अत्यंत महंगा पडऩे लगा है।
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