इंदौर। इंदौर-देवास सिक्सलेन और इंदौर बायपास की टोल टैक्स दरें नियमानुसार इस साल भी 1 अप्रैल से बढ़ेंगी। इस बढ़ोतरी का असर मंथली पास पर भी होगा। हालांकि, अभी नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने टोल टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव नई दिल्ली स्थित मुख्यालय को भेजा नहीं है, लेकिन मार्च में प्रस्ताव भेज दिया जाएगा। वहां से मंजूरी आने पर नए वित्तीय वर्ष से नई दरें प्रभावी हो जाएंगी।
रोड के लिए दो टोल प्लाजा है। मुख्य टोल प्लाजा बायपास पर है, जहां से गुजरने वाले वाहन चालकों से देवास सिक्सलेन और बायपास, दोनों का टोल टैक्स वसूला जाता है, जबकि दूसरा टोल प्लाजा पुराने शहरी एबी रोड पर मांगलिया के पास है। वहां से गुजरने वालों को केवल देवास सिक्सलेन का टोल टैक्स देना होता है।
बायपास की तुलना में मांगलिया टोल प्लाजा पर टोल दरें कम हैं। यदि चार पहिया वाहनों की बात करें, तो बायपास प्लाजा पर चालकों से 60 और मांगलिया प्लाजा पर 20 रुपए टोल टैक्स की वसूली होती है। इसके अलावा टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को मंथली पास जारी किए जाते हैं। चार पहिया वाहनों के अलावा हलके व्यावसायिक वाहन, ट्रक और बस, भारी वाहन और ओवरसाइज्ड व्हीकल जैसी चार अन्य श्रेणियों से टोल टैक्स वसूला जाता है।
अब एनएचएआई ने संभाली हैं व्यवस्थाएं
एनएचएआई ने 2021 में बायपास का रखरखाव और टोल टैक्स वसूली करने वाली इंदौर-देवास टोलवेज कंपनी का ठेका खत्म कर उससे काम छीन लिया था। कंपनी बायपास की साज-संभाल ढंग से नहीं कर रही थी और एनएचएआई को प्रीमियम भी नहीं दे रही थी, जिससे करोड़ों रुपए बकाया हो गए थे।
कंपनी को टर्मिनेट करने के बाद एनएचएआई ने सारे सूत्र अपने हाथ में ले लिए थे। तब से अब तक अथॉरिटी ने एक निजी कंपनी को टोल वसूली का ठेका देकर उसी को व्यवस्थाएं सौंप दी हैं। अब सडक़ का रखरखाव, साफ-सफाई, हरियाली, डिवाइडर और पुलों पर रंगाई-पुताई, लाइटों का मेंटेनेंस और स्टॉर्म वाटर लाइन संबंधी तमाम कार्यों के लिए मुख्य रूप से एनएचएआई ही जवाबदार है।
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