– झाडिय़ों और कचरे के कारण नाले का पता नहीं चला था
– ड्रोन से हुई खोजबीन, अब बारिश के पानी से बदला नजारा
इंदौर। शहर के कई नाले रखरखाव के अभाव में जीर्ण-शीर्ण हो गए थे और कचरे व झाडिय़ों के कारण उनका पता ही नहीं चल पाता था। कुछ दिनों पहले ड्रोन सर्वे के दौरान बायपास नायता मुंडला के समीप एक नाले का पता चला। वहां सफाई कराई गई और अब बारिश के पानी से नाला पंजाब की किसी नहर के समान नजर आने लगा है।
शहर में 45 से ज्यादा बड़े नाले हैं और छोटे नालों की संख्या 25 के आसपास है। इन सभी पर निगम ने बारिश के पहले सफाई अभियान चलाया था और पूर्व में कई नालों का गहरीकरण किया गया था। वहां पेेंटिंग के साथ-साथ रंगरोगन के कार्य कर उसके आसपास के हिस्सों को संवारा गया था। चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए थे, ताकि वहां लोग फिर से कचरा नहीं फेंकें। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक अभी भी शहर के कई नालों की हालत सुधारने का सिलसिला जारी है। पिछले दिनों ड्रोन सर्वे के दौरान नायता मुंडला बायपास के समीप सिल्वर स्प्रिंग क्षेत्र में वर्षों पुराने एक नाले का पता चला था।
पहले बदहाल था अब निरंतर पानी का बहाव
वर्षों पुराने इस नाले के बारे में निगम के कुछ पुराने कर्मचारियों को जानकारी थी और उनके द्वारा बताए जाने के बाद ड्रोन से इसके हिस्से का पता लगाया गया। इसकी शुरुआत नायता मुंडला क्षेत्र से होती है और यह कान्ह के क्षेत्र में खत्म होता है। सबसे पहले नाले के आसपास के हिस्सों में सफाई कर वहां जमा कचरा और गाद निकाली गई। इसके बाद उसका गहरीकरण किया गया। करीब चार मीटर चौड़ा करने के साथ तीन मीटर गहरा किया गया। आसपास के हिस्सों में नहरनुमा छोटी-छोटी दीवारें बना दी गईं। इस बार बारिश में वहां खूब पानी आया है और अब पूरे क्षेत्र का नजारा ही बदल गया है।
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