नई दिल्ली। कॉरपोरेट गवर्नेंस में घिरी एडटेक कंपनी बायजू की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। ज्यादातर कर्मचारी छंटनी से पहले ही कंपनी छोड़ना चाहते हैं। एक दर्जन से अधिक वर्तमान व पूर्व कर्मचारियों ने कहा, वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। कंपनी में पहले भी कई चरणों में छंटनी हो चुकी है।
बायजू की आर्थिक मोर्चे पर पहले से ही दिक्कतें हैं, लेकिन यह तब और बढ़ गई, जब पिछले हफ्ते ऑडिटर डेलॉय ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कंपनी के बोर्ड के तीन सदस्यों ने भी इस्तीफा दे दिया। खबर है कि कॉरपोरेट मंत्रालय कंपनी की जांच भी कर रहा है।
पहले आई रिपोर्ट के मुताबिक, सिकोइया कैपिटल (अब पीक एक्सवी पार्टनर्स) के जीवी रविशंकर, चैन जुकरबर्ग के विवियन वू और प्रोसस के रसेल ड्रेसेनस्टॉक ने इस्तीफा दिया था। वहीं, अब बोर्ड में सिर्फ बाजयू रवींद्रन, रिजू रवींद्रन व दिव्या गोकुलनाथ ही बचे हैं। हालांकि, तीनों के इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए हैं। वहीं, डेलॉय ने कहा था कि बायजू ने पिछले वित्त वर्ष के नतीजे जारी नहीं किए। रवींद्रन बायजू को पत्र लिखने के बाद ऑडिट नहीं हुआ। इसलिए वह इस्तीफा दे रही है।
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