नई दिल्ली: ऑनलाइन एजुकेशन देने एडटेक कंपनी बायजूस की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. नकदी संकट से उबरने के लिए कंपनी ने पहले राइट इश्यू से पैसे जुटाए, लेकिन उसके इस्तेमाल पर इंवेस्टर्स ने रोक लगा दी. अब कंपनी ने नकदी बचाने के लिए अपने देशभर में फैले सभी रीजनल ऑफिस बंद कर दिए हैं, साथ ही 15,000 एम्प्लॉइज को वर्क फ्रॉम भी दे दिया है.
कंपनी के ऐसा करने की वजह एम्प्लॉइज की सैलरी के लिए पैसे की जुगाड़ करना है. बायजूस ने बेंगलुरू के नॉलेज पार्क में बनले अपने आईबीसी हेडक्वार्टर को छोड़कर सारे रीजनल ऑफिस बंद कर दिए हैं.
बायजूस के 20 से ज्यादा रीजनल ऑफिस हैं, जो दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई और अन्य शहरों मे खुले हुए थे. अब कंपनी ने इन्हें बंद कर दिया है. कंपनी का कहना है कि उसने सीईओ अर्जुन मोहन के नेतृत्व में कुछ महीने पहले ही अपने ऑफिस स्पेस को री-स्ट्रक्चर करने की प्रोसेस शुरू कर दी थी. अब लागत में कटौती के लिए सभी रीजनल ऑफिस को बंद करने के फैसले पर अंतिम मुहर लगाई गई है.
कंपनी के इन रीजनल ऑफिस में करीब 15,000 एम्प्लॉइज काम करते थे, जो अब अनिश्चितकाल के लिए वर्क फ्रॉम होम करेंगे. हालांकि कंपनी के देशभर में फैले 300 से ज्यादा ट्यूशन सेंटर्स अब भी काम करते रहेंगे और इसके एम्प्लॉइज ऑफिस जाते रहेंगे.
बायजूस के पास नकदी की भारी कमी है. कंपनी के फाउंडर रवींद्रन बायजू और उनके परिवार को अपना घर तक गिरवी रखना पड़ा है, ताकि वह कंपनी के कर्मचारियों की सैलरी दे सकें. इतना ही नहीं कंपनी के कुछ इंवेस्टर्स बायजू और उनके परिवार को कंपनी के बोर्ड से हटाने के लिए ईजीएम तक बुला चुके हैं और उन्हें बाहर करने का प्रस्ताव पास कर चुके हैं. इस बीच बायजू रवींद्रन ने साफ कर दिया है कि वही कंपनी के फाउंडर और सीईओ हैं. बायजूस को लेकर एक मामला एनसीएलटी और कर्नाटक हाईकोर्ट में भी है, जिस पर इसी महीने सुनवाई होनी बाकी है.
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