नई दिल्ली (New Delhi) । एडुटेक कंपनी बायजू (Byju’s) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। दरअसल, बायजू ब्रांड का स्वामित्व रखने वाली कंपनी ‘थिंक एंड लर्न’ (Think and Learn) को एक इमरजेंसी मध्यस्थता अदालत ने आकाश एजुकेशन (Aakash Education) में करीब 6% हिस्सेदारी नहीं बेचने के लिए कहा है। बता दें कि आकाश एजुकेशन, थिंक एंड लर्न की सहायक कंपनी है। अप्रैल 2021 में बायजू ने एक डील में आकाश एजुकेशन का अधिग्रहण किया था।
क्या है मामला
आकाश एजुकेशन, अरबपति चिकित्सक रंजन पई के नेतृत्व वाली MEMG फैमिली ऑफिस से जुटाए गए लगभग 350 करोड़ रुपये का भुगतान करने में विफल रही है। MEMG फैमिली ऑफिस ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए मार्च में मध्यस्थता कार्यवाही शुरू की थी। एक कानूनी प्रतिनिधि ने कहा कि सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र के नियमों के तहत भारत में नियुक्त एक इमरजेंसी मध्यस्थ ने चार अप्रैल को इस संबंध में निर्देश जारी किए। बायजू और MEMG ने इस बारे में ईमेल से भेजे गए सवालों के जवाब नहीं दिए।
छंटनी कर रही कंपनी
ये खबर ऐसे समय में आई है जब बायजू में करीब 500 कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है। सूत्रों ने कहा कि यह छंटनी कारोबार पुनर्गठन की कोशिशों का हिस्सा है। इसकी शुरुआत 15-20 दिन पहले हुई थी और इस प्रक्रिया में करीब 500 कर्मचारी प्रभावित हो सकते हैं। इस प्रक्रिया में बिक्री कार्यों, शिक्षकों और ट्यूशन सेंटर को प्रभावित करेगा। ऐसी सूचना है कि कुछ प्रभावित कर्मचारियों को फोन पर छंटनी की सूचना दे दी गई है। लेकिन छंटनी के संबंध में बायजू ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। बायजू ने हाल ही में अपने कर्मचारियों को मार्च का वेतन देने में देरी होने की सूचना दी थी। कंपनी कर्मचारियों को आठ अप्रैल तक वेतन देने की कोशिशों में लगी है।
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