आगर मालवा। ऐतिहासिक मंदिरो मे शुमार बाबा बैजनाथ मंदिर की सुंदरता को इन दिनों मनोकामनाएं दीवारों पर लिखे जाने के कारण ग्रहण लग रहा है। लोग यहां दीवारों पर मन्नतें लिखकर दीवारों की सुंदरता बिगाड़ रहे है। मंदिर प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। बाबा बैजनाथ मंदिर को निखारने के लिए जनप्रतिनिधि सहित प्रशासनिक अधिकारी लगातार प्रयास कर रहे है। लेकिन मंदिर की सुंदरता ज्यादा दिन टिक नहीं पा रही क्योंकि मंदिर की सुंदरता खुद भगवान के भक्त ही बिगाड़ रहे है। मंदिर के रंग-रोगन को अभी ज्यादा समय भी नहीं बीता था कि यहां पर आधुनिक प्रेम कहानियों व अन्य मनोकामनाओं ने मंदिर की दीवार का सौंदर्य ही बिगाड़ कर रख दिया। यदि ऐसा ही चलता रहा तो मंदिर की सौंदर्यता पूर्ण रुप से खत्म हो जाएगी। बाबा बैजनाथ महादेव मंदिर विश्व प्रसिद्ध है यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जो किसी अंग्रेज दंपत्ति ने बनवाया है। देश के अनेकों स्थान से यहां पर भक्त दर्शन के लिए आते है।
वहीं आसपास के क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में दर्शन करने के लिए भक्त पहुंचते है। इनमें से अधिकांश भक्तों ने मंदिर की दीवारों पर अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने का माध्यम बना लिया है। ये भक्त खुलेआम मंदिर की दीवारों पर अपने मन की कामना लिख कर चले जाते है। यह सब लिखने पर भक्त इतना भी नहीं सोचते कि उनके इस कृत्य से मंदिर की सौंदर्यता कम हो रही है। इस प्रकार के कृत्य को रोकने के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से भी कोई पहल नहीं की जाती है। इतना ही नहीं पूर्व मे देखा गया था कि कुछ शरारती तत्व दीवारों पर अपशब्द तक लिख कर चले जाते है।
पुजारी भी नहीं रोकते
मंदिर मे यूं तो प्रतिदिन ही सैंकड़ो की संख्या मे भक्त आते है। वहीं अन्य प्रमुख मौकों पर यहां हजारों की संख्या में भक्त पहुंच जाते है। यहां पर मनोकामना प्रेमी खुलेआम दीवारों को चितरते है। पुजारी व अन्य जवाबदार भी यहीं पर घूमते फिरते यह सब देखते रहते है, लेकिन कभी किसी ने इन लोगों को रोकने की कोशिश नहीं की।
मंदिर समिति का भी नहीं ध्यान
मंदिर पर व्यवस्था देखने के लिए बकायदा यहां पर एक समिति भी गठित की गई है। जिसमें शासकीय अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधि व सामाजिक लोग शामिल है, लेकिन समिति के सदस्यों ने भी मंदिर की सुंदरता भंग करने वालों पर ध्यान देना तक उचित नहीं समझा। वहीं यहां पर व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए एक मैनेजर भी नियुक्त कर रखा है लेकिन उनके द्वारा भी किसी प्रकार का ध्यान नही दिया जाता है।
कहीं प्रेमियों के नाम तो कहीं नौकरी की मन्नत
दीवारों पर लिखने वाले भक्त दीवार के भरोसे ही अपनी मनोकामना भगवान तक पहुंचा रहे है। किसी ने नौकरी लगाने की मांग दीवार खरोंच दी तो कहीं प्रेमी-प्रेमिकाओं के नाम से दीवारों पटी पड़ी हुई है। वहीं कई जगह पर स्वास्तिक से दीवारें भर गई है।
इनका कहना
दीवारो पर अपनी मनोकामनाएं लिखकर भक्तो को मंदिर की सौंदर्यता नहीं बिगाडऩी चाहिए। यह बिल्कुल गलत है। हम आगे से मंदिर की निगरानी रखवाएंगें। यदि कोई कुछ भी लिखता हुआ पाया गया तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
राजेश सरवटे, नोडल अधिकारी बाबा बैजनाथ मंदिर
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