img-fluid

उपचुनाव तय करेगा दिग्गज नेताओं का भविष्य

August 09, 2020

भोपाल, प्रदेश में 27 सीटों पर उपचुनाव कब होंगे इस पर संस्पेंस बरकरार है। जिन विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होना है वहा कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। 27 में से 16 विधानसभा क्षेत्र तो अकेले ग्वालियर-चंबल संभाग के हैं। यहां संक्रमण के चलते हालत चिंताजनक होते जा रहे हैं। मध्य प्रदेश के इतिहास में ये पहला मौका होगा जब एक साथ 27 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होगा। इन सीटों के नतीजे सरकार के साथ भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं का भविष्य भी तय करने वाले कहे जा रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि आने वाले समय में चुनाव 27 से भी ज्यादा करीब 35 विधानसभा क्षेत्रों में हो सकते हैं।
चुनाव परिणाम के बाद सत्ता किसकी होगी। कमलनाथ फिर से कांग्रेस की सरकार बनाएंगे या फिर शिवराज ही राज करेंगे? ये सब चुनाव परिणाम पर ही निर्भर करेगा। इसलिए 27 सीटों पर होने वाले चुनावों को प्रदेश में मिनी विधानसभा चुनाव भी कहा जा रहा है। ऐसा कहना इसलिए भी लाजमी है कि प्रदेश में 16 साल में 30 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए, लेकिन 15वीं विधानसभा में पहली बार एक साथ 27 सीटों पर उपचुनाव होंगे। इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का भविष्य दांव पर लगा हुआ हा। शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ का आगे का राजनीतिक रास्ता कैसा होगा ये सब चुनाव नतीजे ही बताएंगे। हालांकि रिक्त हुए विधानसभा क्षेत्रों से जो रुझान मिल रहे हैं उनके अनुसार चुनाव में दोनों ही पार्टियों को भितरघात का खतरा ज्यादा है।
दोनों दलों को भितरघात का खतरा
इसकी वजह भी नजर आती है। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए 25 पूर्व विधायकों का तो भाजपा से चुनाव लडऩा निश्चित है। इससे क्षेत्र के भाजपा नेताओं का भविष्य दांव पर लग गया है। कांग्रेस के पास कई क्षेत्रों में चुनाव मैदान में उतारने के लिए उम्मीदवारों का टोटा है। इसलिए कांग्रेस अब भाजपा के हारे और वरिष्ठ नेताओं को अपने पाले में लाने का प्रयास कर रही है। उसे अपनी इस मुहिम में सफलता भी मिल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भाजपा के ऐसे असंतुष्ट नेताओं से खुद मुलाकात कर रहे हैं।

30 सीटों के उपचुनावों में 19 सीटों भाजपा जीती
हालांकि प्रदेश में अब तक हुए उपचुनाव के रुझान कहते हैं कि सत्ता जिसकी होती है मतदाता उसी का साथ देते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के बीते 3 कार्य कालों में वर्ष 2004 से 2019 तक हुए 30 सीटों के उपचुनावों में 19 सीटों भाजपा जीती, यानी 63.33त्न। भाजपा ने अपनी 13 सीटें बचाई, तो कांग्रेस की 6 सीटें छीनी थी। हालांकि उसे 6 सीटें गंवानी भी पड़ीं, जबकि कांग्रेस 10 सीटें ही जीत सकीं यानी 33.33त्न। वह चार सीटें छीनने में कामयाब रही। ऐसे में कांग्रेस को अपने खाते की सीटें बचाने के लिए भाजपा से कड़ी चुनौती मिलना तय है।

Share:

शिव राज को घेरने चलेगा गद्दी छोड़ो अभियान

Sun Aug 9 , 2020
भोपाल। मध्य प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले कांग्रेस सत्तारूढ़ बीजेपी को घेरने के लिए पूरा जोर लगाने का काम कर रही है। उप चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी बीजेपी को संभलने का कोई मौका नहीं देना चाहती है और यही कारण है कि कांग्रेस हर दिन रणनीति के जरिए […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
मंगलवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2025 Agnibaan , All Rights Reserved