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    कई नेताओं का कद बढ़ा गया उपचुनाव

  • November 13, 2020

    • प्रदेश की राजनीति के साथ ही कई नेताओं का रसूख उनकी पार्टी में बढ़ा

    भोपाल। मप्र के उपचुनाव में भले ही स्टार प्रचारकों ने जीत के लिए जी तोड़ मेहनत की हो लेकिन कुछ सीटें ऐसी रहीं कि वहां ये स्टार प्रचारक भी फेल हो गए. 28 में से चुनिंदा पोलिंग इलाकों और विधान सभा क्षेत्रों में भाजपा-कांग्रेस के शिवराज-सिंधिया और कमलनाथ- सचिन पायलट जैसे स्टार प्रचारकों का जादू भी जनता पर नहीं चला। वहीं उपचुनाव ने कई नेताओं का रसूख उनकी पार्टी में बढ़ा भी दिया है। सबसे ज्यादा कांग्रेस नेताओं के कद को उपचुनाव ने बढ़ाया है तो कुछ विधानसभाओं में भाजपा नेताओं की कार्यशैली व मेहनत की खुलकर प्रशंसा हो रही है। मुरैना जिले में कांग्रेस की सबसे बड़ी वोटों के हिसाब से तो दिमनी विधानसभा में हुई है लेकिन, राजनीति के ज्योतिषी कांग्रेस की सबसे बड़ी जीत सुमावली विधानसभा में मान रहे हैं। जहां कांग्रेस के पास कोई प्रत्याशी नहीं था और चुनाव से पहले अजब सिंह कुशवाह को कांग्रेस में लाया गया। गौरतलब है कि अजब सिंह कुशवाह 2018 में सुमावली से ही भाजपा के प्रत्याशी थे और इससे पहले बसपा के टिकट पर भी चुनाव लड़ चुके। संगठन ने सुमावली विधानसभा की जिम्मेदारी पूर्व मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौड़ को दी। बृजेन्द्र सिंह एक महीने पहले से सुमावली में आकर डट गए और अजब सिंह के चुनाव प्रचार से लेकर सभाओं तक की जिम्मेदारी बृजेन्द्र सिंह ने निभाई।

    रावत की मेहनत से फतह हुआ मुरैना
    मुरैना विधानसभा सीट को कांग्रेस के खाते में लाने का सबसे बड़ा श्रेय पूर्व मंत्री व मप्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत को जाता है। जब सिंधिया ने 22 विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़ी थी तब, मुरैना कांग्रेस के तात्कालीन जिला अध्यक्ष और अब विधायक राकेश मावई ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा ज्वाइन करने के लिए भोपाल रवाना हो गए लेकिन, रामनिवास रावत ने शिवपुरी से राकेश मावई को वापस मुरैना लौटाया और कांग्रेस नहीं छोडऩे दी। राकेश को टिकट मिलने के बाद रामनिवास ने उनके चुनावी प्रचार से लेकर सभाओं तक में भूमिका निभाई।

    दिमनी जिताने पर रवि जोशी का बढ़ा रुतवा
    मुरैना जिले की सभी पांच विधानसभा सीट (जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी और अंबाह) में से सबसे जीत दिमनी विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी रविन्द्र सिंह भिडोसा की हुई है। रविन्द्र भिडोसा ने वोट से कृषि राज्यमंत्री गिर्राज डण्डोितिया को हराया। रविन्द्र सिंह भिडोसा इससे पहले दो बार विधानसभा चुनाव हार चुके। इस बार उनके चुनाव की कमान खरगोन विधायक रवि जोशी ने संभाली। रवि जोशी, रविन्द्र सिंह के भाषणों की स्क्रिप्ट से लेकर पैदल घूमकर जनसंपर्क करने तक की योजना बनाई। गांव-गांव चौपाल में नुक्कड़ सभा से लेकर बड़ी सभाओं में पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट रखा।

    दुर्गालाल की मेहनत के सीएम भी हुए कायल
    केवल कांग्रेस नेता ही नहीं बल्कि, उप चुनाव में कुछ भाजपा नेताओं की मेहनत को भी खूब सराहा जा रहा है। पार्टी व संगठन में इन नेताओं का रुतबा बढऩा लाजिमी है। इनमें सबसे पहला नाम श्योपुर के पूर्व विधायक दुर्गालाल विजय जो जौरा विधानसभा के प्रभारी थे। जौरा में भाजपा की विजय के लिए दुर्गालाल ने करीब एक महीने पहले डेरा जमा लिया था। अग्रवाल समाज के वोट बैंक को भाजपा की ओर जोडऩे से लेकर चुनावी कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा का खाका दुर्गालाल ने खींचा। दुर्गालाल की मेहनत के कायल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी हुए और एक सभा में दुर्गालाल की खूब तारीफ भी की। दुर्गालाल की खास बात यह रही कि वह श्योपुर से अपने भरोसेमंद नेताओं को जौरा लाए और जौरा की टीम के साथ मिलकर काम किया।

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    Fri Nov 13 , 2020
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