नई दिल्ली (New Delhi)। छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों (Seven assembly seats in six states) के लिए हुए उपचुनाव के नतीजों (By-Election Results) में तीन सीटें जीत कर भाजपा (BJP) ने अपनी मजबूती दिखाई है, साथ ही नए बने विपक्ष के गठबंधन इंडिया (New Opposition Alliance India) के लिए भी उम्मीदें जगी (raised hopes) हैं। भाजपा ने त्रिपुरा की दोनों व उत्तराखंड की एक मात्र सीट जीती है, लेकिन उत्तर प्रदेश में घोसी व झारखंड में डुमरी में प्रतिष्ठा की लड़ाई में उसे सफलता नहीं मिल पाई है। साथ ही पश्चिम बंगाल में भाजपा ने अपनी सीट गंवाई है।
वैसे तो यह उपचुनाव राज्य की स्थिति व स्थानीय मुद्दों से प्रभावित थे, लेकिन विपक्ष का इंडिया गठबंधन बनने के बाद इसे विपक्षी एकता की दृष्टि से भी देखा जा रहा था। उत्तर प्रदेश व झारखंड की सीटें पहले जिसके पास थी, उसी के पास रहीं। झारखंड की डुमरी सीट पर भामुमो व उत्तर प्रदेश की घोसी सीट पर सपा जीती। घोसी उपचुनाव इसलिए अहम था, क्योंकि सपा से पिछली बार जीते दारा सिंह भाजपा में शामिल हो गए थे और भाजपा से चुनाव लड़ रहे थे।
चूंकि दारा सिंह ने इतनी बार दल बदले हैं कि उनका विरोध चुनाव में ही दिखने लगा था। परिणाम भी वही रहा, यानी सपा जीत गई और दारासिंह हार गए। भाजपा ने यहां पर काफी ताकत लगाई थी, लेकिन जीत से बहुत दूर रही। इसी तरह से झारखंड की डुमरी सीट भी झामुमो के पास ही रही, वहां भाजपा की सहयोगी आजसू को हार का सामना करना पड़ा। सपा व झामुमो ने इसे इंडिया गठबंधन की जीत बताया है, लेकिन पश्चिम बंगाल में धूपगड़ी में ममता बनर्जी ने बिना इंडिया गठबंधन के भी भाजपा से सीट छीन ली है।
धूपगड़ी में तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा को हराया और कांग्रेस समर्थित माकपा तीसरे स्थान पर रही। त्रिपुरा में भी कांग्रेस समर्थित माकपा को दोनों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। इसमें एक सीट बाक्सनगर तो उसने भाजपा के हाथों गंवा भी दी। यहां भाजपा के मुस्लिम उम्मीदवार को उतारा था, जो जीतने में सफल रहा। उत्तराखंड की बागेश्वर सीट भाजपा अपने पास रखने में बरकरार रही है। केरल में कांग्रेस ने पुतुप्पली सीट अपने पास बरकरार रखी है।
खास बात यह है कि उपचुनाव में सहानुभूति लाभ काफी दिखा है। केरल में कांग्रेस नेता ओमन चांडी के निधन के बाद उनका बेटा चांडी ओमन, उत्तराखंड में चंदनराम दास के निधन के बाद उनकी पत्नी पार्वती दास, झारखंड में जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी चुनाव जीतने में सफल रही।
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