भोपाल। मध्यप्रदेश की 27 सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव होने हैं। उपचुनाव को देखते हुए राजनीतिक दलों ने तैयारियों शुरू कर दी हैं वहीं, दूसरी तरफ चुनाव आयोग भी कोरोना काल को देखते गाइडलाइन जारी कर रहा है। भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों के साथ ही उन्हें नामांकित करने वाले राजनीतिक दलों को आपराधिक प्रकरण यदि हैं, तो उसके संबंध में संबंधित प्रत्याशी और राजनीतिक दल को निर्वाचित प्रक्रिया के दौरान तीन बार समाचार-पत्र और टेलीविजन पर प्रकाशित-प्रसारित कराना होगा।
भारत निर्वाचन आयोग के उप सचिव पवन दीवान ने बताया कि आयोग ने आपराधिक प्रकरणों के प्रचार के संबंध में संबंधित प्रत्याशी और रानजीतिक दल जो उन्हें चुनाव के लिये नामांकित करते हैं, उनके लिये अपने निर्देशों को और कारगर एवं सरल करने का निर्णय लिया है। आयोग सदैव इस नैतिक मापदण्ड पर जोर देते हुए चुनावी प्रजातंत्र की बेहतरी के लिये प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा उक्त संदर्भ में दिये गये निर्देशानुसार अभ्यर्थी और नामांकित करने वाले राजनैतिक दलों को आपराधिक प्रकरणों से संबंधित जानकारी का प्रथम प्रचार नाम वापसी की अंतिम तिथि के 4 दिन के अंदर, द्वितीय प्रचार नाम वापसी की अंतिम तिथि के 5 से 8 दिन के बीच और तृतीय प्रचार चुनाव प्रचार के 9वें दिन से अंतिम दिन के मध्य मतलब कि मतदान के 2 दिन पहले तक करवाना अनिवार्य होगा। इस टाइम लाइन से वोटरों को अपनी पसंद का उम्मीदवार चुनने के लिए एक जरिया मिलेगा।
आयोग के उप सचिव ने बताया कि ऐसे प्रत्याशी जो चुनाव लड़े बिना विजयी हुए हैं और इन्हें नामांकित करने वाले राजनीतिक दलों के प्रचार के संबंध में भी यह स्पष्ट किया जाता है कि उन्हें भी आपराधिक प्रकरणों यदि कोई है तो उसके संबंध में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी और उनके राजनीतिक दलों के लिए लागू प्रचार के निर्देशों के पालन करना पड़ेगा। आयोग द्वारा लिए हुए निर्णय अनुसार अभी तक इस विषय में जारी सभी फॉरमेट और निर्देश का सार संग्रह सभी हितग्राहियों की सुविधा के लिये प्रकाशित किया जा रहा है। इसके माध्यम से इस विषय पर वोटरों और अन्य हितग्राहियों में अधिक जागरूकता निर्माण में मदद मिलेगी। पूर्ववर्ती आपराधिक प्रकरण वाले चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी और उनको नामांकित करने वाले राजनीतिक दलों को इस संबंध में जारी समस्त निर्देशों का अनुपालन करना अनिवार्य है।
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