आष्टा। आष्टा शहर के दो कावड़ यात्री प्रत्येक वर्ष 1 ज्योतिर्लिंग का पैदल आष्टा से मां पार्वती का जल लेकर अभिषेक करते हैं । इस वर्ष भी दोनों कांवड़ यात्री शुक्रवार को सुबह नेपाल स्थित भगवान पशुपतिनाथ मंदिर के लिए मां पार्वती का जल लेकर प्रस्थान किया । स्थानीय शंकर मंदिर में बड़ी संख्या में लोगों ने स्वागत कर रवाना किया । बता दें कि शुक्रवार प्रात 9:00 बजे प्राचीन श्री शंकर मंदिर आष्टा में पूजा अर्चना कर ओर मां पार्वती का जल लेकर शिव भक्त , प्रहलाद वर्मा केशव माधव और दिनेश बाबा, आष्टा नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए पैदल पशुपति धाम (नेपाल)के लिए ,बम बम भोले के जय करो के साथ प्रस्थान किया। दोनों भक्त 5 अगस्त दिन शुक्रवार 2022 , की सुबह नेपाल काठमांडू में भगवान पशुपतिनाथ का जलाभिषेक करके देश में सुख शांति के लिए प्रार्थना करेंगे। दोनों कांवरियों को सभी भक्तों ने हर हर महादेव के नारों के साथ शुभ यात्रा के लिए बधाई दी।
अभी तक 12 ज्योतिर्लिंग का कर चुके मां पार्वती के जल से अभिषेक
दोनों कावड़ यात्री केशव माधव अभी तक देश के 12 ज्योतिर्लिंग का मां पार्वती के जल से अभिषेक कर चुके हैं अब नेपाल में स्थित भगवान पशुपतिनाथ के मंदिर पहुंचकर अभिषेक करेंगे।
देश के 12 ज्योतिर्लिंग एक नजर में
हिन्दू धर्म में पुराणों के अनुसार शिवजी जहाँ-जहाँ स्वयं प्रगट हुए उन बारह स्थानों पर स्थित शिवलिंगों को ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजा जाता है। ये संख्या में 12 है। सौराष्ट्र प्रदेश (काठियावाड़) में श्रीसोमनाथ, श्रीशैल पर श्रीमल्लिकार्जुन, उज्जयिनी (उज्जैन) में श्रीमहाकाल, ?कारेश्वर अथवा ममलेश्वर, परली में वैद्यनाथ, डाकिनी नामक स्थान में श्रीभीमशंकर, सेतुबंध पर श्री रामेश्वर, दारुकावन में श्रीनागेश्वर, वाराणसी (काशी) में श्री विश्वनाथ, गौतमी (गोदावरी) के तट पर श्री त्र्यम्बकेश्वर, हिमालय पर केदारखंड में श्रीकेदारनाथ और शिवालय में श्रीघृष्णेश्वर। हिंदुओं में मान्यता है कि जो मनुष्य प्रतिदिन प्रात:काल और संध्या के समय इन बारह ज्योतिर्लिंगों का नाम लेता है, उसके सात जन्मों का किया हुआ पाप इन लिंगों के स्मरण मात्र से मिट जाता है। प्रत्येक ज्योतिर्लिङ्ग का एक एक उपलिंग भी है जिनका वर्णन शिव महापुराण की कोटिरुद्र संहिता के प्रथम अध्याय से प्राप्त होता है ।
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