नई दिल्ली: एक विवाहित स्त्री के लिए भारत में ‘मंगलसूत्र’ सबसे बेशकीमती चीज होती है. इससे जुड़ी इमोशनल वैल्यू इतनी है कि मदुरै के मीनाक्षी मंदिर में शादीशुदा महिलाएं अपने मंगलसूत्र का स्पर्श देवी मां के चरणों में करवाती हैं और फिर उसे पहनती हैं. लेकिन बीते कुछ समय में महिलाओं के लिए मंगलसूत्र बनवाना काफी महंगा हो गया था, जिस पर अब केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि देश में मंगलसूत्र बनवाना सस्ता हुआ है. आखिर क्या है इसकी वजह?
मंगलसूत्र यूं तो काले मोतियों को पिरोकर बनाया जाता है, लेकिन इसमें गोल्ड का पेंडेंट सबसे अहम हिस्सा होता है. कई बार काले मोतियों की लड़ की जगह सोने की चेन भी इस्तेमाल होती है. भारत में सोना सिर्फ आयात करके ही आता है, और मोदी सरकार ने सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी कम की है.
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि देश में सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी में कमी आई है. इसलिए महिलाओं को अब मंगलसूत्र खरीदने में परेशानी नहीं होगी. पीयूष गोयल ने एक कार्यक्रम में कहा कि इंपोर्ट ड्यूटी कम होने से सोने के दाम में गिरावट आई है. इससे हमारी माताएं, बहनें और देश की अन्य सभी महिलाएं बड़े और भारी मंगलसूत्र अब आसानी से खरीद पाएंगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल जुलाई में जब पूर्ण बजट का ऐलान किया था,तब सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी में भारी भरकम कटौती कर दी थी. इससे सोने का देश में आयात सस्ता हो गया है. पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि सोने के उद्योग में लंबे समय से शुल्क कम करने की मांग की जा रही थी. यह मुद्दा उठता था कि सोने पर लगने वाला टैक्स हटना चाहिए ताकि व्यापारी और ग्राहक फायदे में रह सकें.
पीयूष गोयल ने जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल से एक अनोखा अनुरोध किया. उन्होंने ज्वेलर्स से विदेश में सोने की दुकानों के ज़रिए भारत के टूरिज्म प्लेसेस का प्रचार करने के लिए कहा. इससे देश और पूरे क्षेत्र को मदद मिलेगी और फायदा होगा. भारत के कई ज्वेलर्स का सिंगापुर से लेकर मलेशिया, थाईलैंड और खाड़ी देशों में बड़ा कारोबार है. ऐसे में इन दुकानों पर भारतीय पर्यटन स्थलों का प्रचार-प्रसार किया जा सकता है.
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