नई दिल्ली: आने वाली 1 सितंबर से देश में गाड़ी खरीदना महंगा (Buying New Vehicle) हो जाएगा. ऐसा मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) के हाल ही में दिए गए एक फैसले की वजह से होगा. 1 सितंबर से चार पहिया वाहन खरीदने के लिए डाउन पेमेंट के तौर पर 10 से 12 हजार रुपये ज्यादा देने पड़ सकते हैं. इसके साथ ही नया दो पहिया वाहन खरीदते समय भी डाउन पेमेंट करते वक्त करीब 1 हजार रुपये तक ज्यादा देने होंगे. इसके अलावा गाड़ी के इंश्योरेंस (Insurance) का खर्चा भी बढ़ जाएगा.
क्यों महंगा हो जाएगा नई गाड़ी खरीदना?
बता दें कि अभी मौजूद नियमों के अनुसार, नए चार पहिया वाहन के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस 3 साल और दो पहिया वाहन के लिए 2 साल जरूरी है. मद्रास हाई कोर्ट के फैसले के बाद 1 सितंबर से नई गाड़ियों को खरीदने पर 5 साल का बंपर टू बंपर इंश्योरेंस करवाना होगा. इसके अलावा अब आपको इंश्योरेंस की ऑन डैमेज पॉलिसी भी लेनी पड़ेगी.
बढ़ाया गया पर्सनल एक्सीडेंट कवर का दायरा
जान लें कि पर्सनल एक्सीडेंट कवर अबतक केवल गाड़ी चलाने वाले के लिए जरूरी होता था लेकिन मद्रास हाई कोर्ट के ऑर्डर के बाद गाड़ी पर सवार सभी लोगों का पर्सनल एक्सीडेंट कवर भी 5 साल तक का जरूरी होगा. इसका मतलब ये है कि नई गाड़ी खरीदना अब लोगों के लिए महंगा हो जाएगा. इसकी वजह से पहले साल के बाद हर साल किया जाने वाला गाड़ी का इंश्योरेंस भी 20 फीसदी तक महंगा हो जाएगा.
बंपर टू बंपर इंश्योरेंस क्या होता है?
बता दें कि बंपर टू बंपर इंश्योरेंस एक तरह का कार इंश्योरेंस होता है. इस इंश्योरेंस में गाड़ी को पूरा कवरेज दिया जाता है. बंपर टू बंपर इंश्योरेंस में डेप्रिसिएशन भले ही कितना हो फिर भी कवरेज पूरा मिलता है. क्लेम के वक्त इंश्योरेंस कंपनी की तरफ से डेप्रिसिएशन नहीं काटा जा सकता है. अगर गाड़ी का एक्सीडेंट हो जाता है तो उसके पुर्जे बदलने के लिए इंश्योरेंस कंपनी पूरा पेमेंट करती है.
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