नई दिल्ली। कम टैक्स चुकाने या कर का भुगतान नहीं करने की वजह से वसूली कार्रवाई शुरू करने से पहले बिक्री रिटर्न जीएसटीआर-1 में दर्शाए गए कारोबार के अंतर और कर भुगतान फॉर्म जीएसटीआर 3 बी में गलतियां सुधारने के लिए कारोबारियों को उचित समय दिया मिलेगा। इस संबंध में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने दिशा निर्देश जारी किया है।
सीबीआईसी ने कहा कि कर अधिकारी ऐसी विसंगतियों की वजह समझाने के लिए कारोबारियों को उचित समय देंगे। जीएसटी कानून में 1 जनवरी, 2022 से हुए बदलाव में के मुताबिक, कर अधिकारियों को उन व्यवसायों के खिलाफ सीधे वसूली कार्रवाई शुरू करने की इजाजत दी गई थी, जिन्होंने मासिक रिटर्न जीएसटीआर-1 में अधिक बिक्री दिखाई थी, लेकिन कर भुगतान के दौरान मासिक कर भुगतान फॉर्म जीएसटीआर -3 बी में इसका उल्लेख नहीं किया। इस कदम का मकसद फर्जी बिलिंग जैसी गतिविधियों पर रोक लगाना है।
पहले मिलता था नोटिस
फर्जी बिलिंग से विक्रेता जीएसटीआर -1 में अधिक बिक्री दिखाते थे ताकि खरीदार इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा कर सके। जीएसटीआर -3 बी में घटी बिक्री दिखाकर कम टैक्स जमा करते थे। अभी तक जीएसटी कानून के तहत ऐसे मामलों में पहले कारण बताओ नोटिस जारी होता था और फिर वसूली प्रक्रिया शुरू की जाती थी।
जीएसटीआर-3 बी फॉर्म में जल्द कैलकुलेटर सुविधा
जीएसटी नेटवर्क (GSTN) करदाताओं की मदद के लिए जीएसटीआर-3 बी में जल्द कैलकुलेटर की सुविधा शुरू करेगी। इससे न सिर्फ रिटर्न भरना और सुगम हो जाएगा बल्कि करदाता विलंबित कर भुगतान के लिए ब्याज की गणना कर सकेंगे।
जीएसटीएन ने ने कहा, नई सुविधा के जरिये जीएसटीआर -3 बी में करदाताओं की ओर से विशेष कर अवधि के लिए घोषित राशि के आधार पर न्यूनतम ब्याज की गणना होगी। जीएसटी कानून के मुताबिक, समय पर टैक्स चुकाने में विफल रहने पर 18 % ब्याज लगता है। आईटीसी के लिए गैर- वाजिब या अधिक दावा करने पर 24 फीसदी ब्याज लगाया जाता है
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