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इन्कम टैक्स में छूट मिलते ही खुश हो गए कारोबारी और नौकरीपेशा

February 02, 2025

 

इंदौर। केंद्र सरकार (Central government) द्वारा कल घोषित किए गए बजट (Budget) में इन्कम टैक्स (income tax) में छूट (relief) मिलते ही जहां कारोबारी (Businessmen) और नौकरी पेशा (employees) लोग खुश हो गए, वहीं चार्टेड अकाउंटेंट (CA) ने भी चार साल तक के रिटर्न एक साथ फाइल करने के फैसले को लेकर इस कारण खुश है कि इससे टैक्स भरने वाले लोगों की तादाद में इजाफा होगा। हालांकि इस बार के बजट में किसानों में खासी निराशा पाई गई। किसानों का कहना है कि यह बजट उनकी अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा।

अब जीएसटीआर-2बी ऑटो पापुलेटेड नहीं होगा, बल्कि वो रिसीवर द्वारा एक्शन लेने (स्वीकारने या नकारने) के बाद ही आएगा क्रेडिट लेकर। एक्सेप्टेड का ही मिलेगा, तदनुसार ही 3बी की फाइलिंग को अलग किया जाएगा। अब जो भी क्रेडिट नोट आएगा उससे संबंधित आईटीसी को रिवर्स करना होगा। अब लायबिलिटी को कम करना इस रिवर्सल के आधार पर ही हो पाएगा।
– नवीन खंडेलवाल, सीए


बजट में मध्यमवर्गीय करदाताओं को राहत मिली है। अब नई टैक्स रिजीम चुनने पर सालाना 12 लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इससे देश के 90 फीसदी करदाताओं को बड़ी राहत मिली है एवं उन्हें 4 लाख से अधिक आय होने पर रिटर्न तो दाखिल करना पड़ेगा लेकिन कोई कर भुगतान का दायित्व नहीं आयेगा। अब सभी टैक्सपेयर्स पिछले 4 साल का आईटी रिटर्न एकसाथ फाइल कर सकेंगे। इससे पहले तक यह लिमिट 2 साल थी। वहीं सीनियर सिटीजंस के लिए बैंक ब्याज पर टीडीएस की सीमा 50 हजार रुपए से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दी गई है। जो बड़ी राहत है।
– डॉ अभय शर्मा, सीए, मानद सचिव, टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन इंदौर

प्रस्तावित बजट में आयकर का स्लैब 12.75 लाख करना ऐतिहासिक कदम है। अब तक की सबसे बड़ी राहत माध्यम वर्ग को प्राप्त हुई है। इससे बाजार में तरलता बढ़ेगी। लोग खर्च करेंगे जिससे जीडीपी बढ़ाने में योगदान रहेगा। क़ृषि में तुअर, उड़द और मसूर का उत्पादन बढ़ाने हेतु 6 वर्षीय योजना एबं खाद्य तेल के उत्पादन को बढ़ाने के प्रयास तथा मखाना बोर्ड का गठन सरकार की क़ृषि क्षेत्र की प्रगति हेतु मंशा जाहिर करता है।
– रमेश गुप्ता, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट)

कुल मिलाकर बजट में औद्योगिक क्षेत्र की कई प्रमुख अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। हालांकि कुछ क्षेत्रों में और सुधार की गुंजाइश बनी हुई है, लेकिन प्रस्तुत नीतियों से उद्योगों को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है जो आर्थिक विकास में सहायक होंगे।
– सीए (डॉ) गौतम कोठारी, अध्यक्ष, पीथमपुर औद्योगिक संगठन

बजट 2025 में किसानों के साथ फिर विश्वासघात हुआ है। वित्त मंत्री ने बजट की शुरुआत कृषि से की, लेकिन किसानों की असली मांगों पर पूरी तरह चुप्पी रही। किसानों को एमएसपी चाहिए, लेकिन बजट में उस पर कोई बात नहीं हुई। बजट में गरीबों के आवास, मनरेगा योजना को लेकर कोई बात नहीं की गई। पीएम फसल बीमा योजना में सुधार पर कोई कदम नहीं उठाया गया। बजट में किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज की सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए की गई है, जबकि किसान पिछला कर्ज चुकाने में ही असमर्थ हो रहे है।
– बबलू जाधव, किसान नेता

विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने में यह बजट भारतीय इकोनॉमी के लिए कैटालिस्ट का कार्य करेगा। उद्योगपति, व्यापारी वर्ग, एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए यह बजट दीपावली मनाने जैसा है। एमएसएमई क्रेडिट कार्ड से ग्रामीण कुटीर एवं लघु उद्योगों को फायदा मिलेगा।
– दीपक भंडारी, अध्यक्ष, ग्लोबल फोरम फॉर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट

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