नई दिल्ली। कभी देश के दिग्गज कारोबारी रहे विजय माल्या देश से भागने के बाद ब्रिटेन में रह रहे हैं। उन्हें भारत वापस लाने की प्रक्रिया लगातार लंबी खिंचती जा रही है। दो वर्ष पहले ही प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी, लेकिन उसके बाद से ये मामला कानूनी पचड़ों में फंसा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस सबके बीच अब विजय माल्या के वकील ने ही सुप्रीम कोर्ट में उनका एक केस लड़ने से इनकार कर दिया है। उनके वकील की ओर से कहा गया है कि विजय माल्या को कोई अता-पता नहीं है, उनसे बात नहीं हो पा रही है, ऐसे में उनका केस नहीं लड़ा जा सकता है।
बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक का विजय माल्या के साथ कुछ मौद्रिक विवाद चल रहा है। इस मामले में एडवोकेट ईसी अग्रवाल उनके वकील थे। लेकिन हाल ही में हुई एक सुनवाई के दौरान माल्या के वकील ईसी अग्रवाल ने उनका केस लड़ने से मना कर दिया है। उन्होंने जस्टिस चंद्रचूड़ और हिमा कोहली की बेंच को कहा है कि जितनी मुझे जानकारी है विजय माल्या अभी ब्रिटेन में है, लेकिन वे मुझसे कोई बात नहीं कर रहे हैं। मेरे पास सिर्फ उनका ईमेल एड्रेस मौजूद है। क्योंकि हम उन्हें ट्रेस नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे में उन्हें रीप्रेजेंट करने से मुझे छुट्टी मिल जानी चाहिए। अदालत ने अधिवक्ता ईसी अग्रवाल की इस अपील को स्वीकार कर लिया है।
विजय माल्या से संबंधित जिस केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है वह 2017 का है। सुप्रीम कोर्ट ने पांच वर्ष पहले नौ मई 2017 को विजय माल्या को कोर्ट के आदेश की अवमानना का दोषी मानते हुए उसके खिला अवमानना की कार्यवाही शुरू की थी। दरअसल, विजय माल्या ने उस समय अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा उन बैंकों और संबंधित प्राधिकरणों को नहीं दिया था, जिनसे उसने करोड़ों अरबों का कर्ज लिया था। उस मामले में विजय माल्या कभी कोर्ट में पेश नहीं हुए, इसे देखते हुए कोर्ट में उन पर अवमानना का आरोप भी लगा और उन्हें चार महीने की सजा भी सुनाई गई थी। इस मामले में कोर्ट ने उन पर दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं चुकाने की स्थिति में दो महीने की अतिरिक्त सजा की बात भी कोर्ट की ओर से कही गई थी।
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