नई दिल्ली। हैदराबाद के कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली को शीर्ष अदालत से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बोइनपल्ली को कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी। न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने अंतरिम जमानत के अपने पहले के आदेश को जारी रखा। ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जमानत याचिका का विरोध नहीं किया। इस पर पीठ ने कहा, ‘हम बोइनपल्ली को जमानत दे रहे हैं।’
शीर्ष अदालत ने 13 अगस्त को बोइनपल्ली को दी गई अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ा दी थी। शीर्ष अदालत ने 20 मार्च को कहा था कि कारोबारी 18 महीने से हिरासत में था और उसे पांच सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया था। इसके बाद से बोइनपल्ली की अंतरिम जमानत को शीर्ष अदालत ने समय-समय पर बढ़ाया है।
बता दें कि अक्तूबर 2022 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने दिल्ली के कथित आबकारी घोटाला मामले में अभिषेक बोइनपल्ली को गिरफ्तार किया था। अधिकारियों ने बताया था कि अभिषेक बोइनपल्ली दक्षिणी भारत के कुछ शराब कारोबारियों के लिए कथित तौर पर काम करता था। सीबीआई ने पाया था कि वह कुछ महत्वपूर्ण सवालों का जवाब देने से बच रहा था, जिसके बाद उसे देर रात हिरासत में ले लिया गया और फिर गिरफ्तार कर लिया गया था। इससे पहले कारोबारी एवं आम आदमी पार्टी के नेता विजय नायर को गिरफ्तार किया गया था। यह मामला राष्ट्रीय राजधानी में शराब के लाइसेंस देने में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है।
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