नई दिल्ली। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट (central cabinet) की बैठक में सरकार ने ऑटो और ड्रोन सेक्टर (Auto and Drone Sector) को बड़ी राहत दी। प्रधानमंत्री आवास (prime minister’s residence) पर हुई इस बैठक में ऑटो कंपोनेंट (auto component) बनाने वाली कंपनियों के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (PLI) योजना को मंजूरी मिल गई।
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने गुरुवार को कहा कि, ‘हम अगले तीन वर्षों में ड्रोन (Dron) के निर्माण खंड में लगभग 5,000 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान लगा रहे हैं। इससे लगभग 10,000 रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इससे सेक्टर में क्रांति आएगी।’
2026 तक 1.8 अरब डॉलर का होगा ड्रोन उद्योग
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि, ‘पीएलआई अगले तीन वर्षों में ड्रोन निर्माण से 900 करोड़ रुपये का कारोबार करेगा। हम अनुमान लगा रहे हैं कि साल 2026 तक ड्रोन उद्योग 1.8 अरब डॉलर का हो जाएगा।’
ड्रोन उद्योग के लिए 120 करोड़ रुपये की मंजूरी
मालूम हो कि बुधवार को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने बताया कि पीएलआई योजना में 26,058 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान है। ऑटो सेक्टर के लिए 25,938 करोड़ रुपये और ड्रोन उद्योग के लिए 120 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है। योजना में 20 उत्पादों को शामिल किया गया है, जिसमें इलेक्ट्रिकल और कन्वेंशनल व्हीकल में लगने वाले कंपोनेंट, दोनों शामिल हैं।
पीएलआई योजना के मुताबिक, केंद्र अतिरिक्त उत्पादन पर प्रोत्साहन देगी और कंपनियों को भारत में बने उत्पादों को निर्यात करने की अनुमति मिलेगी। इसका उद्देश्य प्रतिस्पर्धात्मक माहौल बनाने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करना है। ठाकुर के मुताबिक इससे एडवांस ऑटोमोबाइल सेक्टर को बूस्ट मिलेगा और सात लाख सात हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
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