नई दिल्ली । कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (The Confederation of All India Traders-CAIT) एवं ट्रांसपोर्ट सेक्टर के शिखर संगठन आल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (ऐटवा) ने कहा की देश का व्यापार और ट्रांसपोर्ट आज भारत बंद में शामिल नहीं है और दिल्ली सहित दश भर के बाज़ार पूरी तरह से खुले रहेंगे और सामान्य रूप से कारोबारी गतिविधियां चालू रहेंगी वहीँ ट्रांसपोर्ट सेक्टर भी यथावत काम करता रहेगा और माल की आवाजाही भी पूरी तरह चालू रहेगी.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल एवं ऐटवा के राष्ट्रीय चैयरमैन प्रदीप सिंघल एवं अध्यक्ष महेंद्र आर्य ने कहा है की भारत बंद को लेकर किसी भी किसान संगठन अथवा किसान आंदोलन के नेताओं ने कैट अथवा ऐटवा से अपने आंदोलन अथवा भारत बंद के लिए कोई संपर्क भी नहीं किया है और न कोई समर्थन मांगा है, इस बात को ध्यान में रखते हुए दिल्ली एवं देश भर के व्यापारी एवं ट्रांसपोर्टर्स कल भारत बंद में शामिल नहीं है.
भरतिया एवं खंडेलवाल तथा सिंघल एवं आर्य ने कहा की ऐसे में जब किसान नेताओं की सरकार के साथ बातचीत का दौर चल रहा है ऐसे में किसी भी बंद का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा की देश के व्यापारियों एवं ट्रांसपोर्टरों की सहानुभूति किसानों के साथ है क्योंकि वो व्यापारियों एवं ट्रांसपोर्टरों की तरह ही देश की अर्थव्यवस्था का बेहद महत्वपूर्ण और अभिन्न अंग हैं है और लेकिन हमें भरोसा है की सरकार और किसान नेताओं के बीच चल रही बातचीत के नतीजे अवश्य निकलेंगे. चारों नेताओं ने कहा की देश में किसान घाटे की खेती कर रहा है लिहाजा अब समय आ गया है जब हमें किसान को फायदे की खेती उपलब्ध कराने के सभी विकल्प न केवल उपलब्ध कराने चाहियें बल्कि उन पर एक समयबध्द सीमा में अमल भी होना चाहिए.
देश के किसानों को यह भरोसा होना जरूरी है की उनका वाजिब मुनाफा उन्हें अवश्य मिलेगा और यह वातावरण बनाना होगा जिससे किसान अपने खेत में स्वतंत्र रूप से खेती कर अच्छी फसल ऊगा सके. इस क्रम में देश के व्यापारी किसानों का पूरा सहयोग करेंगे और यदि व्यापारियों की तरफ से कोई कमी होगी तो उसको दूर करेंगे. वही ट्रांसपोर्ट सेक्टर भी किसानों को बेहतर ट्रांसपोर्ट व्यवस्था उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा की फार्म बिलों में मंडी में कारोबार करने वाले आढ़तियों को बिचौलिया कहा गया है जिनको समाप्त किया जाएगा. उस पर कैट को एतराज है सेवा प्रदाता हैं जो किसानों के माल मंडी में सही दामों पर न केवल उनकी सहायता करते हैं बल्कि जरूरत पड़ने पर किसानों को एडवांस राशि अथवा वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं, वो नए कानूनों के अनुसार किस तरह व्यापार कर पाएंगे, इसके बारे में सरकार को अवश्य सोचना होगा. उन्होंने बताया की कैट तीनों फार्म बिलों का गहराई से अध्यन कर रहा है और शीघ्र ही एक विस्तृत ज्ञापन सरकार को देकर संशोधन करने की मांग की जायेगी.
समस्त विवादों को बातचीत के जरिये सुलझाया जाए: कैट
चारों नेताओं ने कहा की हमें पता चला है कि विभिन्न राज्यों में बंद का समर्थन करने के लिए कैट और ऐटवा दोनों के नाम से सोशल मीडिया एवं मैसेज के जरिये बंद के समर्थन का प्रचार किया जा रहा है जो पूरी तरह भ्रामक एवं शरारतपूर्ण काम है. हम अपने किसान भाइयों के साथ सभी सहानुभूति रखते हैं और चाहते हैं कि वर्तमान में चल रहे विवाद का जल्द से जल्द अंत हो लेकिन साथ ही साथ कोविड महामारी के मौजूदा संकट काल में जैसे तैसे कुछ व्यापार लाइन पर आया है ऐसे में अवधि के किसी भी बंद को आयोजित करने का कोई अवसर नहीं है बल्कि समस्त विवादों को बातचीत के जरिये सुलझाया जाए.
उन्होंने किसान नेताओं को सलाह देते हुए कहा की कुछ असामाजिक तत्व उनके आंदोलन की पवित्रता को अपने निहित स्वार्थों के कारण भंग कर सकते हैं और किसान एवं सरकार के बीच खाई बना सकते हैं , जिस पर न केवल किसानों को बल्कि सरकार को भी ध्यान रखना होगा. कैट और ऐटवा दोनों ने कहा कि वे दिल्ली से और बाहर से बाहर से दिल्ली आने वाले माल की आवाजाही पर कड़ी नजर रखे हुए हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे की दिल्ली में माल की सुचारू आपूर्ति में कोई बाधा न हो.
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